अश्विनी वैष्णव की कंपनी एडलर मात्र एक लाख रुपये के निवेश से शुरू हुई. कुछ ही सालों में वैष्णव ने इससे 113 करोड़ रुपये से ज़्यादा के शेयर हासिल कर लिए.
जब अटल बिहारी वाजपेयी की सत्ता से विदाई हो रही थी तो इसी बीच उनके ऑफिस के एक कर्मचारी अटलजी के पास आते हैं और कहते हैं कि वो कांग्रेसी प्रधानमंत्री के अधीन काम नहीं करना चाहते. इसके बाद ये शख्स साल 2006 तक वाजपेयी के निजी सचिव के रूप में काम करता रहा. बाद में यही शख्स आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का चहेता बन गया. और साथ ही बन गया एक बिजनेसमैन जिसके हाथ में है करोड़ों की संपत्ति. यह रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की कहानी है.
जानिए कैसे वैष्णव ब्यूरोक्रेट से टेक्नोक्रेट उद्योगपति और फिर राजनेता बने लेकिन इस बीच उनके बिजनेस ने चमत्कारिक तरीके से विकास किया. उनकी कंपनी एडलर मात्र एक लाख रुपये के निवेश से शुरू हुई. और कुछ ही सालों में अश्विनी वैष्णव ने इससे 113 करोड़ रुपये से ज़्यादा के शेयर हासिल कर लिए. छह सालों के भीतर इस कंपनी का राजस्व 45 लाख रुपये से बढ़कर 323 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया.
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