हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते संसद में हुए बवाल संसद परिसर में हुई सांसदों के बीच कथित धक्का-मुक्की के अलावा भारतीय संविधान की 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा समेत डॉ. भीमराव अंबेडकर को लेकर अमित शाह के दिए बयान के बाद उठे बवाल पर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा संसद में एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक प्रस्तुत करने के दौरान व्हिप जारी होने का बावजूद अनुपस्थित रहे बीजेपी के 20 सांसद, उमर खालिद को एक शादी में शामिल होने के लिए सात दिन की ज़मानत, यूपी सरकार की मीडिया संस्थानों को कुंभ को लेकर 70 विषयों पर सकारात्मक कवरेज करने की अपील, और फिर से खराब श्रेणी में पहुंची दिल्ली-एनसीआर की हवा आदि ख़बरें चर्चा का विषय बनी रहीं.
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से बलात्कार के मामले में आरोपी प्रिंसिपल और पुलिस अधिकारियों को ज़मानत, भारतीय क्रिकेटर आर. अश्विन ने किया संन्यास का ऐलान, मशहूर तबला वादक ज़ाकिर खान का निधन और मुंबई में नाव दुर्घटना में 13 लोगों की मौत आदि विषय भी हफ्तेभर के बीच सुर्खियों में रहे.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार रूही तिवारी और हृदयेश जोशी ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रधान संपादक रमन किरपाल और स्तंभकार आनंद वर्धन शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “जिस तरह से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बिल्कुल ब्रेकडाउन की स्थिति आ गई है, अब संसद में हुई हाथापाई के बाद दो सांसदों को चोट आई है, नागालैंड की एक सांसद ने राहुल गांधी पर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी है, तो यह तमाम घटनाएं जो हो रही हैं, मीडिया के नज़रिये से यह बेहद हास्यास्पद स्थिति है कि सांसदों का काम है क्या वो संसद में क्या करने में लगे हुए हैं.”
इस विषय पर अपने विचार रखते हुए रूही कहती हैं, “संसद का हाल ऐसा है कि मानो वो कोई अखाड़ा बन गया है. बातचीत की कोई जगह नहीं बची है. अब यहां चर्चा नहीं विवाद हो रहे हैं. यह सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच ब्रेकडाउन है. हालांकि, यह अचानक से नहीं हुआ बल्कि पिछले सात-आठ साल से चल रहा है. अब यह अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया है. एक लोकतंत्र के लिए यह बेहद शर्मनाक स्थिति है.”
सुनिए पूरी चर्चा-
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