हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते सीरिया में विद्रोह के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद के देश छोड़कर भागने के बाद उपजे हालातों, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के विवादित भाषण, इंडिया ब्लॉक की पार्टियों के बीच नेतृत्व को लेकर उठी चर्चा और बेंगलुरू के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के खुदकुशी करने के बाद दहेज क़ानून के दुरुपयोग को लेकर उठे सवालों पर विस्तार से बात हुई.
इसके अलावा संसद में संविधान दिवस पर बहस, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष द्वारा महाभियोग चलाए जाने का नोटिस देने, पूजास्थल अधिनियम को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा टिप्पणी करने, दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी द्वारा महिला सम्मान योजना का ऐलान करने और , ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा पत्र लिखकर समर्थन जताने आदि विषय भी हफ्तेभर के बीच सुर्खियों में रहे.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “अतुल सुभाष की आत्महत्या पर टेलीविज़न मीडिया पिछले तीन दिनों से बेहद सक्रिय रूप से प्रसारण कर रहा है, ऐसा लग रहा है जैसे भारत में न तो पितृसत्ता है और न ही पुरुषों के पास कोई प्रिविलेज है. अतुल ने जिस परिस्थितियों में खुदकुशी की, मुमकिन है कि उसका बेहद शोषण हुआ हो लेकिन क्या यह ऐसा मुद्दा है, जिसे मुख्य धारा का मीडिया तीन दिनों तक ख़बरों के केंद्र में रखे?”
इस विषय पर अपने विचार रखते हुए स्मिता कहती हैं, “मीडिया से किसी भी संवेदनशील मुद्दे पर बातचीत या बहस की उम्मीद मैंने बहुत पहले ही छोड़ दी है. फिलहाल जो एंकर जो मेल विक्टिमहुड की बात कर रहे हैं उनमें से कई ऐसे हैं, जिनके खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले चल रहे हैं. दरअसल, फेमिनिज़्म से नफरत करने वालों की कोशिश है कि वो इस मामले की आड़ में महिला अधिकारों को कमज़ोर कर दें.”
सुनिए पूरी चर्चा-
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