हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्तेभर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते संभल में हुई हिंसा और शाही जामा मस्जिद विवाद को लेकर विस्तार से चर्चा हुई. झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा नतीजों और संविधान की प्रस्तावना में शामिल समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी बात हुई.
इसके अलावा झारखंड के चौदहवें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने ली शपथ, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की औपचारिक घोषणा पर अभी कोई फैसला नहीं, अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर घोषित करने की याचिका पर स्थानीय अदालत ने तीन पक्षों को भेजा नोटिस, इस्कॉन के अनुयायी चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार, संसद का शीतकालीन सत्र और दिल्ली में प्रदूषण के बुरे हालात जैसे मुद्दे भी हफ्तेभर चर्चा का विषय रहे.
इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान सुप्रीम कोर्ट के वकील संतोष पॉल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा ने हिस्सा लिया. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह-संपादक शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “संभल हिंसा में पांच लोगों की जान गई है, एक मस्जिद को लेकर, कैला देवी मंदिर के महंत और वकील विष्णु जैन की याचिका पर स्थानीय अदालत ने दो घंटे के अंदर कार्रवाई करते हुए सर्वे का आदेश दे दिया. इसलिए जज की भूमिका और उनकी तटस्थता पर सवाल उठते हैं कि क्या उन्होंने दूसरे पक्ष को अपनी बात रखने का मौक़ा दिया? एक ही दिन में यह सब कैसे हुआ?”
इस विषय पर अपनी बात रखते हुए अवधेश कहते हैं, “यह विवाद नया नहीं है, शिवरात्रि पर वहां अक्सर ऐसी चीज़ें होती हैं, वहां एक कुंआ है जिसे पूजने की कोशिश होती रही है. अभी का जो घटनाक्रम है, उसके बारे में महंत ने बताया कि यह सही मौक़ा है ऐसे मुद्दे उठाने का क्योंकि केंद्र और राज्य दोनों जगह बीजेपी की सरकार है.”
सुनिए पूरी चर्चा-
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