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एनएल चर्चा 335: माधवी पुरी बुच मामले पर सरकार की चुप्पी और हत्या का हथियार बनती गौरक्षा

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं. 

     

इस हफ्ते हरियाणा में 12वीं कक्षा के छात्र की गौरक्षकों द्वारा की गई हत्या और सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच पर लगे नए आरोपों पर विस्तार से चर्चा हुई. 

इसके अलावा इस हफ्ते की प्रमुख सुर्खियों में सेबी के 500 कर्मचारियों द्वारा एक पत्र के माध्यम से माधवी पुरी बुच के खिलाफ भ्रष्टाचार के नए आरोप लगाना, केंद्र सरकार द्वारा नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई नई वेब सीरीज IC 814 कंधार के विषय में हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए नए निर्देशों को जारी करना , बिश्नोई समाज के एक त्यौहार को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों को बदलना और भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बंगाल के आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया जाना शामिल रहीं. 

इसके अलावा पैरालंपिक में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन,  बंगाल में अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 पारित करना, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर न्याय पर कड़ा सवाल उठाते हुए जल्द ही इस संबंध में नए देशव्यापी निर्देश जारी करने की घोषणा करना और छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा मुठभेड़ में नौ माओवादी को मार गिराने का दावा जैसी खबरों ने भी लोगों का ध्यान खींचा.

इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट  के वरिष्ठ पत्रकार रवि नायर, स्वतंत्र पत्रकार स्मिता शर्मा ,न्यूज़लॉन्ड्री टीम से स्तंभकार आनंद वर्धन और मुख्य संपादक रमन किरपाल  शामिल हुए. वहीं चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. 

चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “माधवी पुरी बुच के विषय में लगातार एक के बाद एक जानकारियां सामने आ रही हैं. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद माधवी ने एक बयान जारी किया था कि उनका कामकाज खुली किताब की तरह है और जो भी लेनदेन हुआ है, वह उन्होंने एक स्वतंत्र नागरिक के तौर पर किया था. अब कांग्रेस की तरफ से नए आरोप लगाए गए हैं कि वह आईसीआईसीआई बैंक से वेतन भी ले रही थी और सेबी के पद पर भी लगातार बनी हुई थी. इतना कुछ हो जाने के बावजूद माधवी पुरी बुच की तरफ से कोई बयान नहीं आ रहा है और ना ही वित्त मंत्रालय की तरफ से कोई सफाई आई है. सबने एक चुप्पी साध रखी है इस सारी स्थिति के मद्देनजर आपका आकलन क्या कहता है?”

इस सवाल के जवाब में रवि नायर कहते हैं, “इस पूरे मामले में हमें यह देखना होगा की माधवी पुरी बुच का कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट है या नहीं”? अक्टूबर 2020 से अडाणी के खिलाफ सेबी का जांच चल रही है और माधवी पुरी बुच इस जांच की प्रमुख थी. उस वक्त आईएफएल (सेबी का सारा फंड और उसका एडमिनिस्ट्रेशन) अडाणी  मामले को लेकर जांच की नज़र में था. अब इस जांच पर जनता कैसे विश्वास कर सकती है, जब माधवी पुरी बुच व्यक्तिगत तौर पर सारे आरोपियों को जानती थी और लगातार संपर्क में थी. जिस फंड  में विनोद अडाणी का निवेश था, उसी फंड में माधवी बुच का भी निवेश था.”

सुनिए पूरी चर्चा-

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