छात्र संगठन लगातार सुधारों की मांग कर रहें हैं.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने के लिए छात्रों का विरोध प्रदर्शन काफी लंबे वक्त तक चला. इसके बाद शेख हसीना को कुर्सी के साथ-साथ चंद घंटों में ही देश भी छोड़ना पड़ा. नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार बनी और फिर आई तबाही लाने वाली बाढ़. इस वक्त बांग्लादेश संकटों के चक्रव्यूह से जूझ रहा है. इस बीच छात्र संगठन सुधारों और बदलावों की मांग कर रहे हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले बांग्लादेशी छात्रों से बात की. साथ ही नए बांग्लादेश के चरित्र और शेख हसीना के खिलाफ गुस्से को भड़काने की वजहों को भी समझने का प्रयास किया. इस दौरान हमने छात्र नेता नुसरत तबस्सुम से आंदोलन के बाद के हालातों पर भी बात की.
तबस्सुम कहती हैं, “यह क्रांति के बाद का वक्त है. जो सबसे भयानक होता है.” हालांकि, अब बांग्लादेश में हालत सामान्य हैं और लोग रोजमर्रा के कामकाज पर लौटने लगे हैं.
इस बीच एक छात्र का कहना है कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि कौनसी पार्टी या विचारधारा सत्ता में आएगी, उन्हें बस शांति चाहिए.
देखिए बांग्लादेश से हमारी ये वीडियो रिपोर्ट.
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