विरोध मार्च का नेतृत्व पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और नेता हरसिमरत कौर बादल ने किया.
मार्च में शामिल लोगों ने अपने हाथ पर काली पट्टी बांधी. साथ ही पोस्टर और नारों के जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की.
युवा आकाली दल के महासचिव नविंदर सिंह लोंगेवाल न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, "हम शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहे हैं. सरकार की मंशा इस बात से पता लगाई जा सकती है कि यहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है. हमें संसद जाने से रोका गया. सरकार अगर आम जनता की मांग नहीं मान सकती तो धिक्कार है ऐसी सरकार पर."
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल भी प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा.
सुखबीर सिंह कहते हैं, "कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने पहली बार इन काले कृषि कानूनों को संसद में पेश किया था. जिसका विरोध हुआ और इसे लाने नहीं दिया गया. अमरिंदर सिंह ने सरकारी मंडियो को निजी मंडियो में बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. कांग्रेस के राहुल गांधी भी यही चाहते हैं कि सरकारी मंडिया खत्म हो जाएं. वहीं केजरीवाल का अपना कोई स्टैंड नहीं है. वो पराली जलाने के लिए पंजाब के किसानों पर जुर्माना लगाने की बात करते हैं. मोदी और खट्टर सरकार ने पूरा जोर लगा लिया कि आज यह मार्च ना हो पाए. जगह- जगह हमारे लोगों को रोका गया. हम इस हुकूमत को बताना चाहते हैं कि किसान चुप नहीं बैठेगा. पंजाब को आगे बढ़ना है. पंजाब की जनता ही पंजाब की तरक्की है. पंजाब को एक ऐसे लीडर की जरूरत है जो किसानों के बारे में सोचे. अकाली दल किसानों की जत्थेबंदी है. यह हमेशा किसानों की आवाज़ उठाएंगे."
इस विरोध मार्च में बहुजन समाज पार्टी भी शामिल हुई. बीएसपी पंजाब अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की. उन्होंने आगामी पंजाब चुनाव में अपनी हिस्सेदारी के बारे में बताया, जसवीर सिंह गढ़ी कहते हैं. "बहन मायावती के नेतृत्व में बीएसपी और अकाली दल का गठबंधन हो चुका है. बीएसपी पंजाब में 20 सीटों और अकाली दाल 97 सीटों पर चुनाव लड़ेगी."
बता दें कि सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों का विरोध एक बार फिर जोर पकड़ रहा है. पांच सितम्बर को किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत का आयोजन किया था. इस दौरान किसानों ने कहा था कि वे आगामी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब चुनावों में भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. वहीं आज के विरोध प्रदर्शन के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सुखबीर सिंह बादल पंजाब में शिरोमणि अकाली दल का सीएम चेहरा हो सकते हैं.