बांग्लादेश से आयात होने वाली हिलसा मछली ने भारतीयों की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है.
किसी देश में हुए राजनीतिक उथल-पुथल का असर उसके आसपास के देशों पर भी पड़ता है. खासकर, राजनीतिक और आर्थिक रूप से.
हाल ही में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट का भारतीय बाजार पर असर दिख रहा है. खासकर मछली बाजार में. बाजार में हिलसा यानी पदमा इलिश मछली कम आ रही है, जिसके कारण इसकी कीमत काफी बढ़ गई है.
हिलसा, पश्चिम बंगाल के रहने वालों की पसंदीदा मछली है. यहां की शादियों में हो या दूसरे अन्य तरह के उत्सव में खासतौर पर ये मछली मेहमानों को परोसी जाती है.
भारत में हिलसा मछली मुख्य रूप से ओडिशा, कोलकाता और बांग्लादेश के पद्मा नदी से आती है. लेकिन खाने वालों के मुताबिक सबसे ज्यादा स्वादिष्ट बांग्लादेश से आने वाली होती है. वहीं बरसात के मौसम में इसका स्वाद दोगुना हो जाता है.
हाल ही में बांग्लादेश में आए राजनीतिक संकट ने इस मछली के आयात को काफी हद तक प्रभावित किया है. पिछले एक महीने से आयात लगभग शून्य हो गया है. जिसकी वजह से इसकी कीमत 1800 से 3000 रुपए किलो हो गई है.
राजधानी दिल्ली के चितरंजन पार्क के रहने वाले अरिजीत बासु हिलसा मछली के प्रति अपने प्रेम को कुछ ऐसे बयान करते हैं, “पश्चिम बंगाल के रहने वाले लोगों के बारे में कहा जा सकता है कि वे हिलसा के बिना जिंदा नहीं रह सकते. क्योंकि जो स्वाद हिलसा में है वह किसी और मछली में नहीं. इसीलिए सबसे महंगी होने के बावजूद हम सप्ताह में एकाध दिन इसे खाते हैं.”
समान्य दिनों में हिलसा की कीमत 1000-1500 रुपए किलो तक होती है. बता दें कि वजन के हिसाब से हिलसा की कीमत तय होती है.
सीआर पार्क में मछली की दुकान चलाने वाले दिव्येंदु दास बताते हैं, “अभी बांग्लादेश से हिलसा नहीं आ रही है. हम लोगों ने जो पहले खरीद कर स्टोर करके रखी थी वही बेच रहे हैं. क्योंकि इस मौसम में डिमांड ज्यादा होती है और वहीं सप्लाई कम हो गई है, इसलिए रेट बढ़ रहा है.”
एक अन्य मछली विक्रेता दीपक दास के मुताबिक, “इस समय बांग्लादेश से हिलसा मछली नहीं आ रही है. ब्लैक में कुछ मछलियां आ रही हैं लेकिन वह बहुत ज्यादा महंगी हो चुकी हैं. अभी डेढ़ किलो से 2 किलो के साइज की मछली का दाम 2500 से 3000 रुपए है जिसकी वजह से ग्राहक कम खरीदारी कर रहे हैं.
व्यापारियों के मुताबिक दिल्ली के सीआर पार्क में हर महीने करीब 60 क्विंटल मछली बिकती है जिसमें एक तिहाई हिस्सा पदमा इलिश का होता है. वहीं पूरी दिल्ली में हर महीने लगभग 300 क्विंटल मछली खाई जाती है. लेकिन बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक संकट की वजह से फिलहाल पदमा इलिश के शौकीन लोगों के जेब पर बोझ बढ़ रहा है और दुकानदारों के सामने यह चुनौती है कि वह अपने ग्राहकों को कैसे बांधकर रखें.
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