राजेंद्र नगर: जान का जोखिम, लाइब्रेरी मालिकों की मनमानी और एग्जाम प्रेशर के बावजूद धरना जारी है…

सरकार ने बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी सील की तो इलाके के बाकी संचालकों ने फीस बढ़ा दी. 

WrittenBy:अनमोल प्रितम
Date:
   

27 जुलाई की शाम राजेंद्र नगर के एक यूपीएससी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बारिश का पानी वजह से तीन छात्रों की मौत हो गई. मौत के बाद छात्रों ने कोचिंग सेंटर, सरकार और प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए और धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. छात्रों का कहना है कि उनकी मांगें अभी तक नहीं मांनी गई हैं.

हालांकि, दिल्ली सरकार ने कार्रवाई करते हुए न सिर्फ राजेंद्र नगर बल्कि और भी कई इलाकों में बेसमेंट चल रहे कोचिंग संस्थानों और लाइब्रेरी को सील कर दिया है. लेकिन इस कार्रवाई की कीमत भी वहां रहने वाले छात्रों को चुकानी पड़ रही है. दरअसल, राजेंद्र नगर में कुल 5 से 6 लाइब्रेरी ही ऐसी हैं, जो बेसमेंट में नहीं चल रही थी. 

छात्रों ने बताया कि उनके बहुत से साथियों को सितंबर महीने में यूपीएससी की मुख्य परीक्षा देनी है. इसलिए लाइब्रेरी ज्वाइन करना उनकी मजबूरी है. ऐसे में छात्रों की इस मजबूरी का फायदा वहां के लाइब्रेरी के मालिक उठा रहे हैं. उन्होंने लाइब्रेरी की फीस बढ़ा दी है. 

यूपीएससी की प्राथमिक परीक्षा पास कर चुके 25 वर्षीय छात्र आशुतोष चौबे कहते हैं, “पहले लाइब्रेरी की फीस दो हजार रुपये थी और वह बेसमेंट में संचालित हो रही थी. लेकिन अब सरकार ने उसे सील कर दिया है. उनको सितंबर महीने में यूपीएससी की मुख्य परीक्षा देनी है. इसलिए दूसरी लाइब्रेरी ज्वाइन करना उनकी मजबूरी है. लेकिन जब वह लाइब्रेरी ज्वाइन करने पहुंचे तो पता चला कि जिस लाइब्रेरी की फीस तीन हजार रुपये थी वह अब बढ़कर 4500 रुपये हो गई है.”

एक अन्य छात्र सुधीर व्यास बताया कि लाइब्रेरी की फीस काफी बढ़ गई है. कुछ लोग तो छ हजार रुपये महीना तक वसूल रहे हैं.  अफसर बनने का सपना संजोए इन छात्रों को अब तो ये भी डर सताने लगा कि वह सपना पूरा होने तक जिंदा भी रहेंगे या नहीं. 

झारखंड से दिल्ली आई दीक्षा कहती हैं, “2 हफ्ते पहले पटेल नगर में एक यूपीएससी छात्र निलेश राय की करंट लगने से मौत हो गई. वह अपने कमरे से निकल कर मेट्रो के लिए जा रहे थे. रास्ते में गेट से उनका हाथ छू गया और करंट ने उनकी जान ले ली. मैं भी रोज वहीं से जाती हूं लेकिन अब डर लगने लगा है कि सपना पूरा होने तक मैं जिंदा भी बचूंगी या नहीं."

उधर, दूसरी तरफ छात्र धरना स्थल पर ही पढ़ाई करने लगे हैं.

देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट. 

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