एक और चुनावी शो के लिए हमारी टीम रामपुर के रजा पीजी कॉलेज पहुंची. यहां कॉलेज के छात्रों से इलाके की राजनीति और उनके लिए मायने रखने वाले मुद्दों पर बात की.
लोकसभा चुनाव की शुरुआत हो चुकी है. हर बार की तरह अतुल चौरसिया और मनीषा पांडे एक बार फिर ग्राउंड पर हैं. ताकि आप तक ‘एक और चुनावी शो’ ला सकें.
इस बार 17वीं लोकसभा के लिए सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण की 102 सीटों में उत्तर प्रदेश की चर्चित रामपुर लोकसभा सीट भी शामिल है.
रामपुर एक मुस्लिम बहुल सीट है. आंकड़ों के मुताबिक, यहां करीब 52 फीसदी आबादी मुस्लिम है. वहीं, 48 फीसदी हिंदू और अन्य धर्मों के लोग हैं. इस सीट पर लंबे वक्त तक कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा है. लेकिन आजम खान के आने के बाद यह सपा का गढ़ बन गया. इस बार न तो नवाब खानदान से कोई मैदान में है और न ही आज़म खान हैं.
वहीं, साल 2022 में हुए उप-चुनाव में यहां से भाजपा के घनश्याम सिंह लोधी सांसद बने. इस बार भाजपा के लिए जीत को बरकरार रखने की चुनौती है. वहीं, समाजवादी पार्टी की ओर से मोहिबुल्लाह नदवी और बहुजन समाज पार्टी की ओर से जीशान खान मैदान में हैं. माना जा रहा है कि दो मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच मुस्लिम वोट बंटने की स्थिति में भाजपा को फिर से सफलता मिल सकती है.
एक और चुनावी शो के लिए हमारी टीम रामपुर के रजा पीजी कॉलेज पहुंची. यहां कॉलेज के छात्रों से इलाके की राजनीति और उनके लिए मायने रखने वाले मुद्दों पर बात की. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता जुनैदुर्रहमान ने भी चर्चा में हिस्सा लिया.
रामपुर के युवाओं ने बेरोजगारी और महंगाई को बड़ा मुद्दा बताया. युवाओं ने कहा कि प्रधानमंत्री कौन बनता है, उससे उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है लेकिन महंगाई और बेरोजगारी से पड़ता है. इस दौरान कई छात्रों ने कहा कि उनके लिए राम मंदिर कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. वहीं, कुछ छात्रों ने कहा कि पीएम कोई भी बने बस जाति-धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का काम न करे.
देखिए रामपुर से एक और चुनावी शो का यह पहला एपिसोड.
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