केजरीवाल ने बहुत रणनीतिक तरीके से अपनी चुनावी कैंपेन को मोदी वर्सेस दिल्ली की जनता में बदल दिया है.
लोकसभा के पांच चरणोंं का मतदान हो चुका है और छठे चरण के लिए चुनाव प्रचार जारी है. अगर दिल्ली की बात करें तो यहां पर अरविंद केजरीवाल ने अंतरिम जमानत पर बाहर आने के बाद चुनाव को काफी रोचक बना दिया है. दिल्ली में कुल सात लोकसभा सीटें है. भाजपा सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है तो वही इंडिया गठबंधन के तहत आम आदमी पार्टी चार सीटों पर और कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
10 मई को चुनाव प्रचार के लिए जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं. राजधानी दिल्ली सहित पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अरविंद केजरीवाल कई रैली और रोड शो कर चुके हैं.
दिल्ली में 25 मई को मतदान है. अरविंद केजरीवाल यहां थोड़ी बदली हुई रणनीति के साथ चुनाव प्रचार कर रहे हैं. वह बड़ी रैलियों की बजाय दिन में चार से पांच नुक्कड़ सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. इन सभाओं में वह पत्नी सुनीता केजरीवाल को भी साथ लेकर चल रहे हैं. दिल्ली में केजरीवाल ने 'जेल का जवाब वोट से' कैंपेन शुरू किया है. वह बड़ी ही चतुराई से अपने चुनावी कैंपेन को 'पीएम मोदी वर्सेस दिल्ली की जनता' में बदल रहे हैं.
केजरीवाल अपनी लगभग हरेक सभा में यही बोल रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली के लोगों को मिलने वाली फ्री बिजली, पानी और महिलाओं के लिए फ्री बस यात्रा जैसी सुविधाएं रोकना चाहते हैं. इसलिए उन्हें जेल में डाला गया है. वह खुद को हनुमान भक्त भी बता रहे हैं और दिल्ली के लोगों के हक के लिए लड़ने वाले नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके साथ ही वह अपनी हर नुक्कड़ सभा में महिलाओं से खासतौर पर अपील कर रहे हैं कि लोग जेल का जवाब वोट से दें यानी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में दिल्ली की जनता आम आदमी पार्टी को वोट करे.
लेकिन क्या दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के अपील पर जेल का जवाब वोट से देगी? जानने के लिए देखी हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.