हमने दोनों रैलियों में आए हुए लोगों से एक जैसे सवाल पूछे. हमने पाया कि एक ही सवाल पर दोनों रैलियों में आए हुए लोगों के जवाब काफी अलग-अलग थे.
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के लिए 20 मई को मतदान होना है. इस बीच 18 मई को राजधानी दिल्ली में दो हाई-प्रोफाइल राजनीतिक रैलियां हुईं. एक प्रधानमंत्री मोदी की और दूसरी राहुल गांधी की.
प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के घोंडा विधानसभा में लोकसभा प्रत्याशी मनोज तिवारी के पक्ष में रैली की. राहुल गांधी ने चांदनी चौक के अशोक विहार रामलीला मैदान में उत्तर पूर्वी दिल्ली से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी कन्हैया कुमार और जेपी अग्रवाल के पक्ष में चुनाव प्रचार किया.
हमने दोनों रैलियों में आए हुए लोगों से एक समान सवाल पूछे. हमने लोगों से उनके चुनावी मुद्दों के साथ-साथ महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, लोकतंत्र, संविधान, विपक्षी नेताओं को चुनाव से ठीक पहले जेल में डाले जाने जैसे विषयों पर उनकी राय जानने की कोशिश की. इसके अलावा हमने प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के भाषणों पर भी रैली में आए लोगों से बात की.
लोगों से बात करके हमने पाया कि एक ही सवाल पर दोनों रैलियों में आए हुए लोगों के जवाब काफी अलग-अलग थे. जहां कांग्रेस की रैली में आए लोगों के लिए महंगाई और बेरोजगारी मुद्दा था तो वहीं भारतीय जनता पार्टी की रैली में आए हुए लोगों के लिए बेरोजगारी, महंगाई कोई मुद्दा नहीं था बल्कि असल मुद्दा काशी और मथुरा में मंदिर और राष्ट्रवाद था.
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