इस बार का चुनावी शो परंपरागत तरीके से थोड़ा सा हटकर है.
एक और चुनावी शो के लिए न्यूज़लॉन्ड्री का कारवां उत्तराखंड पहुंचा. हमारी टीम ने यहां हरिद्वार लोकसभा सीट का चुनावी मिजाज भांपने की कोशिश की. साथ ही जानना चाहा कि यहां के युवाओं के लिए कौन से मुद्दे मायने रखते हैं.
राजनीतिक उतार-चढ़ाव की साक्षी रही इस सीट पर ज्यादातर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा रहा है. इस बार हरिद्वार सीट पर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद सिंह रावत तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत चुनाव लड़ रहे हैं. माना जा रहा है कि इन दोनों के बीच ही मुकाबला है. हालांकि, निर्दलीय के तौर पर यहां से पत्रकार से नेता बने उमेश कुमार ने भी परचा भरा है. इसके अलावा बसपा ने यहां से जलील अहमद कासमी को उम्मीदवार बनाया है. उल्लेखनीय है कि हरिद्वार सीट पर मुस्लिम और दलित मतदाताओं की खासी तादात है.
बताते चलें कि इस बार का चुनावी शो परंपरागत तरीके से थोड़ा सा हटकर है. इसकी वजह है कि इसमें शामिल युवा किसी न किसी छात्र राजनीतिक संगठन से जुड़ाव रखते हैं. जिसकी वजह से उनके राजनीतिक रुझान भी आपको स्पष्ट रूप से चर्चा में देखने को मिलेंगे.
साथ ही आपको ये स्पष्ट कर दें कि हमने इस शो में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानि एबीवीपी से जुड़े युवा छात्रों को भी आमंत्रित किया था लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अपनी व्यवस्तता का हावाला देकर आने से मना कर दिया.
युवाओं के अलावा इस बार चुनावी शो की चर्चा में उत्तराखंड के वरिष्ट पत्रकार जय सिंह रावत, बारामासा के संपादक राहुल कोटियाल और स्वतंत्र पत्रकार प्रदीप सती भी शामिल हुए.
युवाओं से बातचीत के दौरान समान नागरिक संहिता, बेरोजगारी, पहाड़ों से पलायन, राम मंदिर और प्रदेश के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मुख्य चुनावी मुद्दे के रूप में उभर कर सामने आये. रोजगार की तलाश में गांवों से पलायन को लेकर भी युवाओं ने अपनी गहरी चिंता जताई.
ज्यादातर युवाओं का मानना था कि बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है.
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