बुलडोजर न्याय, मीडिया ट्रायल और यूपी पुलिस की कारस्तानी के शिकार जावेद मोहम्मद

एक साल नौ महीने पांच दिन बाद जेल से बाहर आए 58 वर्षीय जावेद मोहम्मद एक सोशल एक्टिविस्ट थे. साल 2022 में उनका परिचय प्रयागराज हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में दुनिया के सामने रखा गया.

WrittenBy:अनमोल प्रितम
Date:
   

जावेद मोहम्मद को मीडिया ने 10 जून 2022 को प्रयागराज हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता साबित कर दिया. फिर उनके घर पर चले योगी सरकार के बुलडोजर का जश्न मनाने लगा. वहीं, दूसरी तरफ यूपी पुलिस ने जावेद को हिंसा का मास्टरमाइंड बताया. साथ ही जावेद पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, गैंगस्टर एक्ट सहित एक के बाद एक आठ मुकदमों में आरोपी बना दिया. हालांकि, पुलिस अभी तक एक भी आरोप साबित नहीं कर पाई. अब कोर्ट ने जावेद मोहम्मद को सभी मुकदमों में जमानत दे दी है. जावेद पूरे एक साल नौ महीने पांच दिन बाद यूपी के देवरिया जेल से रिहा हुए. 

पुलिस द्वारा लगाए गए गैंगस्टर एक्ट में कोर्ट ने जावेद मोहम्मद को जमानत देते हुए कहा, “विरोधी पक्ष ने ये  प्रदर्शित करने के लिए कोई सामग्री प्रस्तुत नहीं की है कि

आवेदक, यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत ‘गैंगस्टर’ और ‘गैंग’ की परिभाषा के अंतर्गत आता है.”  

इस साक्षात्कार में, 58 वर्षीय जावेद मोहम्मद ने अपने साथ हुई हिंसा, अपमान, पुलिस की बर्बरता, बुलडोजर न्याय और मीडिया ट्रायल पर खुलकर बात की. 

देखिए ये इंटरव्यू. 

Also see
article imageयशपाल शर्मा: जीवन से जुड़ी बातें और फिल्मों में राजनीति समेत कई मुद्दों पर बातचीत
article imageएनएल इंटरव्यू: फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया ट्रायल और शुरुआती संघर्ष समेत कई मुद्दों पर बातचीत

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like