रामपुर: पत्रिका के रिपोर्टर के साथ पुलिस ने की मारपीट, माइक और कैमरा तोड़ा

आरोप है कि दोनों पत्रकारों के साथ पुलिस ने बदसलूकी की और उन्हें करीब तीन घंटे तक रामपुर के गंज थाने में बैठाकर रखा.

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उत्तर प्रदेश की रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स आईं जिसमें बताया गया कि प्रशासन लोगों को वोट डालने से रोक रहा है. वहीं शाम होते-होते एक खबर और आई जिसमें स्थानीय पुलिस द्वारा पत्रिका अखबार को दो पत्रकारों के साथ मारपीट की गई और उनके माइक-कैमरा तोड़ दिया गया. 

पत्रिका के पत्रकार विकास सिंह और अंकुर सिंह उपचुनाव को कवर करने के लिए रामपुर पहुंचे थे. उनका आरोप है कि इस दौरान उनके साथ बदसलूकी की गई. पत्रकारों को करीब छह घंटे तक रामपुर के गंज थाने में पुलिस ने बैठाकर रखा. उन्हें करीब 10 बजे छोड़ा गया. 

विकास सिंह बताते हैं, “रामपुर उपचुनावों में पुलिस मुस्लिम वोटर्स को वोट डालने से रोक रही थी. इसको लेकर हमने फेसबुक लाइव किया जिसके बाद वहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आ गए. इस दौरान जिन लोगों को वोट नहीं डालने दिया गया उनके साथ आजम खान के बेटे और विधायक अब्दुल्ला खान रामपुर के एएसपी संसार सिंह से बात करने लगे.”

सिंह आगे बताते हैं, “जब एएसपी बात कर रहे थे तो वहां हमने उनके आगे माइक लगाया जिसके बाद एएसपी भड़क गए और बोलने लगे.. “तुम मीडिया वाले बिके हुए हो”.. इसी दौरान बहस हो गई. जिसके बाद वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने मेरे साथी के साथ मारपीट की और कैमरा तोड़ दिया.”

अब्दुल्ला आजम ने विकास सिंह को पकड़ लिया इसलिए पुलिस ने उन्हें नहीं मारा. पुलिस दोनों पत्रकारों को गंज थाने लेकर गई. जहां विकास सिंह के मोबाइल से सब कुछ डिलीट कर दिया गया.

विकास कहते हैं, “मेरे मोबाइल में जो मेरा पर्सनल डेटा फोटो, नंबर था सब कुछ पुलिस ने डिलीट कर दिया. साथ ही रामपुर में रिपोर्टिंग के दौरान जो भी रिकार्ड किया था उसे भी डिलीट कर दिया.”

शाम को करीब 8 बजे पत्रिका संस्थान द्वारा जब पुलिस के उच्च अधिकारियों के जरिए फोन किया गया उसके बाद पुलिस ने दोनों पत्रकारों को छोड़ा. पत्रिका के यूपी डिजिटल हेड जर्नादन पांडे ने भी इसको लेकर ट्वीट किया.   

विकास पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहते हैं, “गंज थाने में जब पुलिस ने बैठाया था तब उन्होंने गालियां और धमकियां भी दीं.”

एएसपी संसार सिंह न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए पत्रकारों के साथ मारपीट और धमकी देने के आरोपों से इंकार करते हैं. उन्होंने कहा, “उन्हें थाने लेकर गए थे जहां उन्हें समझाया कि वोटिंग के दिन रिपोर्टिंग के लिए पास जारी होता है जो आपके पास नहीं है. फिर उन्हें छोड़ दिया.” 

एएसपी कहते हैं, “विधायक और मेरे बीच में बात हो रही थी तभी बीच में उन्होंने माइक लगा दिया इसलिए उनसे बहस हो गई.”

बता दें कि 5 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के साथ-साथ कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे थे. उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा, रामपुर और खतौली विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे थे. जिनके परिणाम 8 दिसंबर को आएंगे. गौरतलब है कि रामपुर में आजम खान को अयोग्य ठहराने के कारण इस सीट पर चुनाव हुआ.

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