लोकसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान राहुल के तेवर काफी तीखे दिखे. बार-बार मोदी और अडानी का नाम लेने के अलावा इस दौरान राहुल ने प्रेस वालों को भी कड़ी फटकार लगाई.
लोकसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान राहुल गांधी के तेवर काफी तल्ख नजर आए. आमतौर पर राहुल गांधी जिस गर्मजोशी और प्यार से प्रेस वार्ता करते थे. इस बार वैसा नहीं था. राहुल गांधी ज्यादा आक्रामक होकर बोल रहे थे. सदस्यता जाने के बाद उनके तेवरों में तीखापन साफ दिख रहा था. इतना ही नहीं पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल की जुबां पर बस दो ही नाम थे, एक पीएम मोदी का और दूसरा नाम अडानी का. वे बार-बार यही कहते नजर आए कि उनकी सदस्यता इसीलिए गई क्योंकि वे अडानी मामले पर सरकार से लगातार सवाल कर रहे थे. राहुल ने यहां तक कह दिया कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आंखों में डर देखा है. उन्होंने कहा वे डरने वाले नहीं हैं और आगे भी अपनी आवाज यूं ही बुलंद रखेंगे.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा, “मेरी सदस्यता रद्द करना हो या विदेश में देश का नाम बदनाम करने का आरोप हो, ये सारा नाटक अडानी और प्रधानमंत्री मोदी के रिश्ते को लेकर मेरे द्वारा पूछे गए सवालों से ध्यान भटकाने के लिए है. इन्हें (भाजपा को) लगता है कि वे मेरी सदस्यता रद्द कर मुझे चुप करा देंगे तो ये गलत सोच रहे है. मैं संसद में रहूं या ना रहूं सवाल पूछना जारी रखूंगा.”
गुजरात के सूरत जिले की एक निचली अदालत ने राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया है. 23 मार्च को राहुल गांधी के खिलाफ सुनाए गए फैसले के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी.
राहुल गांधी, अपनी पूरे प्रेस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी के रिश्ते को लेकर ही बोलते रहे. उनका साफ कहना था कि उनके साथ जो कुछ भी आज हो रहा है, वह इसलिए हो रहा है ताकि वे यह सवाल ना उठाएं कि अडानी की शेल कंपनियों में लगे 20 हजार करोड़ रुपए कहां से आए".
आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह मामला अभी अदालत में चल रहा है, इसलिए वे इसके कानूनी पक्ष पर टिप्पणी नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि पत्रकार इस मामले के कानूनी पक्ष पर जानकारी के लिए उनकी लीगल टीम से बात कर सकते हैं.
राहुल गांधी ने विपक्षी दलों को उनका साथ देने के लिए धन्यवाद दिया. बता दें कि कल जब राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने की खबर आई थी, उसके बाद से तमाम विपक्षी दल जैसे टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राजद सबने लगभग एक सुर में इसकी आलोचना की और इसे लोकतंत्र के लिए घातक बताया.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया. एक पत्रकार के सवाल पर नाराज होते हुए उन्होंने कहा कि आप सीधे बीजेपी का पट्टा लगाकर क्यों नहीं आते?. पत्रकार के भेष में बीजेपी के लिए क्यों सवाल पूछते हैं?.
जब से राहुल गांधी को सजा सुनाई गई है. तब से ही बीजेपी इस फैसले का समर्थन करते हुए राहुल गांधी के दिए बयान को ओबीसी विरोधी बता रही है. जिसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सबने देखा कि वे लगातार यह कह रहे थे कि सबको साथ लेकर चलना है. लड़ाई झगड़ा नहीं करना है. ऐसे में उनका स्टैंड साफ है. चाहे ओबीसी का मसला हो या विदेश में देश का नाम खराब करने का, यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि वे प्रधानमंत्री मोदी और अडानी के रिश्ते को लेकर सवाल न करें.
भाजपा द्वारा माफी की मांग के सवाल पर राहुल गांधी ने साफ कहा कि वे माफी नहीं मांगेंगे. उन्होंने व्यंग्य के लहजे में कहा कि उनका सरनेम गांधी है न कि सावरकर. राहुल गांधी ने कहा कि गांधी कभी माफी नहीं मांगते.
राहुल ने जोर देकर कहा कि वे चाहे सांसद रहें या न रहें, लोकसभा के अंदर रहें या बाहर वे लगातार सवाल पूछना जारी रखेंगे. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने और क्या-क्या कहा जानने के लिए इस वीडियो रिपोर्ट को देखिए.