महाराष्ट्र के रहने वाले इंद्रजीत घोरपड़े अब तक 50 से ज़्यादा शिकायत एनबीडीएसए में कर चुके हैं.
हाल ही में न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीडीएसए) ने अमन चोपड़ा और अमीश देवगन समेत कुछ एंकरों के शो पर कार्रवाई की. एनबीडीएसए ने एकतरफा रिपोर्टिंग पर आपत्ति दर्ज कराते हुए इनके शो पर जुर्माना भी लगाया और साथ ही उन वीडियोज को तमाम प्लेटफॉर्म से हटाने का आदेश दिया.
एनबीडीएसए, समाचार और डिजिटल प्रसारकों द्वारा बनाई गई एक स्व-नियामक एजेंसी है. करीब 125 चैनल इसके सदस्य हैं.
एनबीडीएसए ने यह कार्रवाई इंद्रजीत घोरपड़े की शिकायत पर की है. महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले 32 वर्षीय इंद्रजीत ने अब तक टीवी चैनलों के 50 कार्यक्रमों के खिलाफ एनबीडीएसए में शिकायत दी है. वे दावा करते हैं कि उनकी शिकायतों में से 90 प्रतिशत मामलों में चैनलों पर कार्रवाई हुई है.
न्यूज़लॉन्ड्री ने इंद्रजीत से शिकायतों और मीडिया को लेकर बात की. इसके पीछे उनका मकसद क्या है? ये सवाल पूछने पर इंद्रजीत कहते हैं, ‘‘यह एक तरह से मेरे प्रतिरोध का माध्यम है. मैं खुद एलजीबीटी कम्युनिटी से आता हूं तो मुझे पता है कि किसी अल्पसंख्यक को दबाया जाता है तो कैसा महूसस होता है.’’
इंद्रजीत आगे बताते हैं, ‘‘इस सिलसिले की शुरुआत कोरोना काल के दौरान हुई. उस वक़्त मज़दूरों को और खासकर मुस्लिमों को मीडिया ‘कोरोना बम’ की संज्ञा दे रहा था. उसी वक़्त सुशांत सिंह राजपूत की मौत वाला मामला आया. उसकी कवरेज भी मीडिया ने बुरी तरह से की. मैं कोरोना काल में घर पर रह रहा था. मैंने एनबीडीएस के नियमों को पढ़ा. चूंकि मैं आईटी प्रोफेशनल हूं तो मुझे समझने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगा. उसके बाद मैंने शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी.’’
इंद्रजीत एनबीडीएस के सामने अपना पक्ष खुद ही रखते हैं. कैसे एनबीडीएस में शिकायत करते हैं? वहां क्या प्रक्रिया होती है? चैनल अपना पक्ष रखते हुए क्या कहते हैं? और क्या मीडिया एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी पर रिपोर्टिंग करते वक़्त सावधानी बरतता है? इन तमाम सवालों पर इंद्रजीत ने खुलकर अपना पक्ष रखा.
देखिए पूरा इंटरव्यू-
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