यह डाटा 13 फरवरी से लेकर 21 फरवरी तक का है. बता दें कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जो भी किसान गंभीर रूप से घायल होते हैं उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में इलाज के लिए लाया जाता है.
13 फरवरी से किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार से चार दौर की बैठक के बाद भी कोई सहमति नहीं बनी तो 21 फरवरी को किसानों ने दिल्ली कूच की घोषणा की.
21 फरवरी को किसानों के दिल्ली कूच के दौरान खनौरी बॉर्डर पर एक नौजवान किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई. यह किसान आंदोलन के दौरान हुई पहली मौत नहीं है. 13 फरवरी से लेकर 21 फरवरी तक आंदोलन से पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती हुए चार किसानों की मौत हो चुकी है. इसमें से तीन किसानों की मौत कार्डियक अरेस्ट की वजह से हुई बताई गई है. वहीं, किसान शुभकरण सिंह की मौत की वजह का खुलासा होना बाकी है. किसानों की आरोप है कि उनकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है. वहीं, अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक, शुभकरण की मौत अस्पताल लाए जाने से पहले ही हो चुकी थी.
बता दें कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर जो भी किसान गंभीर रूप से घायल होते हैं उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में इलाज के लिए लाया जाता है. अभी तक यहां 46 किसानों को इलाज के लिए लाया गया है.
न्यूज़लॉन्ड्री को राजिंदरा अस्पताल से कुछ दस्तावेज मिले. जिसके मुताबिक 18 लोग गन शॉट, पांच को पैलेट, दो को आंसू गैस की चपेट में आने के बाद यहां लाया गया.
राजिंदरा अस्पताल के एमएस डॉक्टर एच एस रेखी ने बताया कि विभिन्न तरह की चोट खाए लोग यहां किसान आंदोलन से आ रहे हैं. कुछ लोगों को पैलेट गन के निशान भी मिले हैं. जिसमें से कई का यहां इलाज चल रहा है, वहीं कुछ को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है.
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.