हिट एंड रन: ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और ‘कानूनी जाल’ का सारांश

भले ही ये पूरा मामला जल्द ही निपट गया लेकिन अभी तक कोई भी धड़ा पीछे हटने को तैयार नहीं है. ट्रांसपोर्टर्स और सरकार अपनी-अपनी बातों पर कायम हैं.

WrittenBy:विकास जांगड़ा
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नए साल की शुरुआत में इस बार देशभर के ट्रक चालकों और ट्रांसपोर्ट मालिकों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया. उनकी मांग थी कि जब तक सरकार भारतीय न्याय संहिता के तहत बनाए गए हिट एंड रन से संबंधित कानून {धारा 106 (2)}  वापस नहीं लेगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे. 

हड़ताल के दूसरे दिन में शाम तक कई राज्यों के पेट्रोल पंप सूखने लगे. जरूरी सामानों की आपूर्ति ठप हो गई और चीजों के दाम आसमान छूने लगे. उसी दिन देर शाम सरकार ने आनन-फानन में ट्रांसपोर्टर्स को बुलाया और कहा कि अभी कानून लागू नहीं हुए हैं और आगे भी जब लागू होंगे तो पहले ट्रांसपोर्टर्स से बात की जाएगी.  इसके बाद ट्रांसपोर्टर्स भी मान गए और देर रात हड़ताल खत्म हो गई.

हालांकि, ये मामला 2 ही दिन में निपट गया लेकिन अभी तक इस मामले में कोई भी धड़ा पीछे हटने को तैयार नहीं है. ट्रांसपोर्टर्स और सरकार अपनी-अपनी बातों पर कायम हैं. इस बीच हमने दो दिन तक चली इस हड़ताल की पड़ताल की है. देखिए सारांश में उस पड़ताल का नतीजा.  

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