एक तरफ जहां यूपी के सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है, वहीं जिन शिक्षकों को सरकार ने खुद ही चुना था. वो नियुक्ति के इंतजार में सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं.
बीते 586 दिनों से 250 से ज़्यादा युवा लखनऊ के इको गार्डन में नियुक्ति पत्र के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इनको कोई सुनने वाला नहीं है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग की 69000 शिक्षको की भर्ती प्रकिया शुरू हुई. इस दौरान आरक्षण की प्रक्रिया को लागू करने में कुछ विसंगतियां हुई. जिसके चलते हजारों अभ्यर्थी इस भर्ती से वंचित हो गए. यही वंचित अभ्यर्थी अब प्रदर्शन कर रहे हैं. दावा है 2022 में इन्हें नियुक्ति पत्र मिलने वाला था क्योंकि तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री ने इसका वादा किया था. हालांकि, वो आज तक नहीं मिला.
वहीं, दूसरी तरफ अगस्त 2023 में विधानसभा में एक सवाल के जवाब में उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह बताया कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के नियंत्रणाधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 4,17,886 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 85,152 पद रिक्त हैं. उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद 1,62,198 के सापेक्ष प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापक के 41,338 पद रिक्त हैं.
तो एक तरफ जहां यूपी के सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं है, वहीं जिन शिक्षकों को सरकार ने खुद ही चुना था. वो नियुक्ति के इंतजार में सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं.
देखिए ये रिपोर्ट.