हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय पाकिस्तान में हुए आम चुनाव और उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक का पारित होना आदि रहे.
इसके अलावा हल्द्वानी में हिंसा भड़कने से 6 लोगों की मौत और करीब 250 लोग घायल, मुंबई में फेसबुक लाइव के दौरान शिवसेना नेता की हत्या, पाकिस्तान में आम चुनाव की प्रक्रिया हुई पूरी, इमरान खान को दस साल की सजा एवं चुनाव आयोग ने छीना उनकी पार्टी का चिन्ह और लेह में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हजारों लोगों ने किया विरोध प्रदर्शन आदि ख़बरें भी हफ्तेभर की सुर्खियों में शामिल रहीं.
वहीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत के घर ईडी की छापेमारी, ईडी की याचिका पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की कोर्ट का नोटिस और मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत एवं 174 घायल आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में बनी रही.
इस हफ्ते चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार स्मिता शर्मा शामिल हुईं. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा के प्रमुख विषय पाकिस्तान में हुए आम चुनाव को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है और अतीत में हमारा हिस्सा रहा है. ऐसे में उसकी राजनीति में भारत के लोगों की भी गहरी दिलचस्पी रही है. अभी चुनाव के बाद जो रुझान आ रहे उसके हिसाब से लग रहा है कि इमरान के जेल चले जाने, पार्टी का चुनाव चिन्ह छिन जाने के बावजूद उनकी पार्टी पीटीआई के निर्दलीय लड़ने वाले लीडर आगे बढ़ते दिख रहे हैं. तो क्या निर्दलीय उम्मीदवारों का सफल होते दिखना क्या ये बताता है कि सेना भी अब चुनावों को उस तरह से प्रभावित करने की स्थिति में नहीं है?”
इसके जवाब में स्मिता शर्मा कहती हैं, “पाकिस्तान में जो कुछ हो रहा है, उसे हमें बहुत नजदीक से देखना होगा, समझना होगा और प्रशंसा भी करनी होगी कि बहुत दिलचस्प चीजें हो रही हैं. हम भारतीय पाकिस्तान को लगातार भला बुरा कहने में जुट जाते हैं. लेकिन काफी बार जब वहां जबरदस्त उथल-पुथल होती है तो उसकी बारीकियों को समझने से हम चूक जाते हैं. शुरुआत में इमरान खान को सेना का पूरा साथ मिला. लेकिन 2019 के बाद कोविड के दौरान जब पाकिस्तान की चरमराई हुई व्यवस्था और बैठ गई. आईएमएफ के लोन बढ़ गए और साथ ही इमरान ने भी कुछ ऐसे काम करने शुरू कर दिए जो सेना को कबूल नहीं थे तो आज की तारीख में वो जेल जा चुके हैं. उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह छीन लिया है और उनके लोगों ने या पार्टी छोड़ दी है या फिर उन्हें जेल में डाल दिया गया है.”
सुनिए पूरी चर्चा-
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