डीडीए पर आरोप है कि उन्होंने मस्जिद या मदरसे के अधिकारियों को इस बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी.
मस्जिद कथित तौर पर 600 साल से अधिक पुरानी थी और इसका रखरखाव दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा किया जाता था. इसके मदरसे में लगभग 25 अनाथ बच्चे रहते थे. डीडीए पर आरोप है कि उसने मस्जिद को जमींदोज करने से कुछ मिनट पहले तक भी न तो मस्जिद और न ही मदरसे के अधिकारियों को इस बारे में कोई सूचना दी.
न्यूज़लॉन्ड्री ने मस्जिद के इमाम, मदरसे के एक शिक्षक और छात्रों से बात की. मदरसे के शिक्षक मुज़्ज़मिल सलमानी ने कहा, "हमें पहले से कोई सूचना नहीं थी." छात्रों ने कहा कि वे अपना सामान तक भी नहीं निकाल पाए. एक अन्य छात्र ने कहा, "अचानक से सब शोर-शराबे में तब्दील हो गया."
डीडीए की इस कार्रवाई का बच्चों और उनके भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? वे विरासत और घर दोनों के नुकसान से कैसे निपट रहे हैं?
जानने के लिए देखिए हमारी ये वीडियो रिपोर्ट.