हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.
इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय 22 जनवरी को अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम और भारत सरकार द्वारा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान करना आदि रहे.
इसके अलावा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के दो दलों- तृणमूल कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी द्वारा पश्चिम बंगाल और पंजाब में आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के दिए संकेत, बिलकीस बानो के 11 दोषियों ने किया आत्मसमर्पण, भारत सरकार ने देश विरोधी रिपोर्टिंग करने के आरोप में फ्रांसीसी पत्रकार के ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड को रद्द करने का नोटिस किया जारी आदि ख़बरें भी हफ्ते की सुर्खियों में शामिल रहीं.
वहीं, दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग के आरटीआई द्वारा पीएम केयर्स फंड की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश को किया खारिज, कोविंद समिति को मिले 21 हजार सुझाव- देशभर में 81 प्रतिशत लोग एक देश एक चुनाव के पक्ष में, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों होंगे गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि आदि ख़बरें भी हफ्तेभर तक सुर्खियों में बनी रही.
इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय और जितेंद्र कुमार शामिल हुए. इसके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री टीम से शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने चर्चा में हिस्सा लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा के प्रमुख विषय 22 जनवरी को अयोध्या में नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा किए जाने को लेकर अतुल सवाल करते हैं, “क्या इस घटना के बाद वो अयोध्या का वो अध्याय बंद हो जाएगा जिसे कि लंबे वक्त से दो समुदायों में कटुता की वजह बताया गया और अब ये मान लिया जाए कि इस घटना के बाद भारत की राजनीति में वो शांति आ जाएगी जिसकी हमेशा से बात होती रही कि जैसे ही ये मुद्दा निपट जाएगा तो सारे समुदाय एक साथ हो जाएंगे और राजनीति इसमें अपना हित देखना बंद कर देगी?”
इसके जवाब में नीलांजन मुखोपाध्याय कहते हैं, “मुझे यह अध्याय कहीं बंद होता नहीं दिख रहा है क्योंकि ये भारतीय जनता पार्टी और संघ परिवार के लिए एक निरंतर जारी रहने वाली राजनीतिक परियोजना है. भाजपा ने अप्रैल 1984 में दिल्ली में धर्म संसद होने के बाद एक संकल्प जारी किया. जिसमें कहा गया कि बाबरी मस्जिद जहां बनी हुई है, वह जगह हिन्दुओं को दे देनी चाहिए, जिस पर वो अपने मंदिर का निर्माण करेंगे. तब से लेकर अब तक ये मामला वो बहुत आगे बढ़ गया है. वे 2 से लेकर 303 सीटों तक वे राम जन्मभूमि आंदोलन के चलते ही पहुंचे हैं. और अब इससे भी आगे जाना चाहते हैं तो इसीलिए मथुरा और काशी को लेकर भी बात होने लगी है. इस बार उनका लक्ष्य है 400 सीटें पार करना. याद हो कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने 1984 में 414 सीटें जीती थीं”
सुनिए पूरी चर्चा-
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