इज़रायल ने मजदूर श्रमिकों की कमी के चलते भारत से 10,000 श्रमिकों की मांग की है. इसके लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है.
बीते साल अक्टूबर में हमास ने इज़रायल पर हमला कर दिया. इसमें हजारों लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में कई विदेशी कामगार भी थे. इसके बाद भारत समेत अन्य देशों ने इज़रायल से अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया. इज़रायल में रहने वाले 18 हजार भारतीयों में से करीब 1300 भारतीय वापस लौट आए. हमास इज़रायल झगड़े के चलते वहां अब निर्माण श्रमिकों की कमी हो गई है. इसके लिए इज़रायल ने भारत से 10,000 श्रमिकों की मांग की है.
भारत-इज़रायल में हुए एक समझौते के तहत अब 10 हजार भारतीयों को इज़रायल भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए बकायदा इज़रायल के एक प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय युवकों के इंटरव्यू लेने शुरू कर दिए हैं. इसका पहला कैंप हरियाणा के रोहतक में लगाया गया.
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक में लगाए गए कैंप में काफी भीड़ देखने को मिली. यहां पर हरियाणा ही नहीं बल्कि बिहार, राजस्थान, पंजाब समेत अन्य राज्यों के लोग भी नौकरी की चाह में पहुंचे. हालांकि, ज्यादा भीड़ होने के चलते बाद में हरियाणा पुलिस राज्य के बाहर से आए लोगों को खदेड़ती नजर आई. इस पर बाहरी राज्यों से आए लोगों ने काफी नाराजगी भी जाहिर की.
नौकरी की चाह में रोहतक पहुंचे इन लोगों से न्यूज़लॉन्ड्री ने बात की. हमने जानने की कोशिश की कि आखिर वे भारत छोड़कर इज़रायल क्यों जाना चाहते हैं? वो भी एक ऐसे वक्त में जब हमास और इज़रायल के बीच संघर्ष जारी है.
देखिए ये वीडियो रिपोर्ट.