विधानसभा चुनावों की कवरेज के लिए न्यूज़लॉन्ड्री की टीम राजस्थान में है. इस दौरान हमने पाली जिले के कई गांवों का दौरा किया और जानने की कोशिश की कि आखिर गहलोत सरकार की योजनाओं का मतदाताओं पर कितना असर है.
राजस्थान के विधानसभा चुनाव कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके कल्याणकारी नेता की छवि के लिए एक अग्नि परीक्षा है. मतदाताओं को लुभाने के लिए गहलोत ने कई बड़ी स्कीमों का एलान साथ ही इन स्कीमों के दम पर वो अपनी गरीब नेता वाली छवि भी चमकाना चाहते है. लेकिन क्या यह काम करेगा? विधानसभा चुनावों पर कल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव को देखने के लिए हमने राजस्थान के पाली निर्वाचन क्षेत्र में रोहट तहसील के गांवों का दौरा किया.
महिलाओं के लिए गहलोत की मुफ्त स्मार्टफोन योजना का लक्ष्य स्कूलों और कॉलेजों की युवा छात्राओं, पेंशन पाने वाली विधवाओं और उन परिवारों की महिला मुखियाओं से है, जिन्होंने नरेगा में 100 दिन का काम पूरा कर लिया है.
इन योजनाओं को लेकर लोगों का नजरिया मिलाजुला है. गहलोत सरकार की स्मार्टफोन वितरण योजना को लेकर छात्रों को लगता है कि स्मार्टफोन उनको उनकी कक्षाओं से जुड़े रहने में मदद करते हैं वहीं वृद्ध पुरुषों और महिलाओं को चिंता है कि यह "युवा महिलाओं और विधवाओं को भटका देगा". अन्य कहते है कि जो स्मार्टफोन बांटे गए हैं वो खराब क्वालिटी के हैं. एक छात्र ने शिकायत की कि उसका फोन बहुत ज्यादा हैंग करता है और इंटरनेट कनेक्शन भी ठीक से काम नहीं करता है.
इस दौरान हमने मतदाताओं से पानी की कमी और प्रदूषित नदियों जैसे मुद्दों के बारे में भी बात की. किसानों की शिकायत है कि पाली में कपड़ा और रंगाई उद्योगों के प्रदूषित अपशिष्टों के कारण गांव से होकर बहने वाली एक मात्र नदी प्रदूषित हो गई है जिसके कारण उनकी आजीविका खतरे में पड़ गई है.
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