अडाणी समूह का ख़बर प्रकाशित होने से पहले आया खंडन, कहा- पुराने आरोपों को नई परिभाषा देने का प्रयास

समूह ने आरोप लगाया है कि फाइनेंशियल टाइम्स, अडाणी समूह के नाम और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पुराने और निराधार आरोपों को दोहराने का नए सिरे से प्रयास कर रहा है. 

गौतम अडाणी की तस्वीर

अडाणी समूह ने एक बार फिर बयान जारी किया है. लेकिन इस बार ये बयान किसी प्रकाशित ख़बर पर उसकी प्रतिक्रिया नहीं है बल्कि ख़बर प्रकाशित होने से पहले ही उसका खंडन आ गया है. दरअसल, समूह ने एक बयान में कहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्र पहले से सार्वजनिक तौर पर मौजूद तथ्यों को नई परिभाषा से पेश करने की कोशिश है.  

समूह ने आरोप लगाया है कि फाइनेंशियल टाइम्स, अडाणी समूह के नाम और प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए पुराने और निराधार आरोपों को दोहराने का नए सिरे से प्रयास कर रहा है. बयान में चेतावनी दी गई कि समूह के खिलाफ यह प्रयास ब्रिटिश अख़बार और उसके सहयोगियों द्वारा निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के विस्तारित अभियान का एक हिस्सा है.

बयान में कहा गया है, “अडाणी समूह पर अगला हमला फाइनेंशियल टाइम्स के डैन मैक्रम द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने 31 अगस्त 2023 को ओसीसीआरपी के साथ मिलकर अदाणी समूह के खिलाफ झूठी ख़बर पेश की थी. ओसीसीआरपी को जॉर्ज सोरोस द्वारा फंड किया जाता है. यह वही व्यक्ति हैं, जिसने अडाणी समूह के खिलाफ खुले तौर पर अपनी शत्रुता घोषित की थी.” 

गौरतलब है कि गत 31 अगस्त को न्यूज़लॉन्ड्री ने ओसीसीआरपी की इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया था. इस विस्तृत रिपोर्ट में अदानी समूह की चार कंपनियों द्वारा 2013 से 2017 के बीच शेयरों में हेरफेर करने के आरोप लगाए गए हैं.  

अडाणी के लिए ख़राब चल रहे इस वर्ष का यह हालिया घनटनाक्रम है. इसी साल जनवरी में हिंडनबर्ग ने भी रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें अडाणी समूह पर शेयरों में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे. 

अडाणी समूह द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि एफटी (फाइनेंशियल टाइम्स) की प्रस्तावित ख़बर डीआरआई के जनरल अलर्ट सर्कुलर नंबर 11/2016/CI दिनांक 30 मार्च 2016 पर आधारित है. अख़बार ने क्या आरोप लगाए हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन बयान में कहा गया है कि अडाणी समूह इन सभी आरोपों से इंकार करता है, जो गलत और निराधार हैं. 

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