play_circle

-NaN:NaN:NaN

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 285: महिला आरक्षण बिल और तल्ख़ होते भारत-कनाडा के रिश्ते

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     

इस हफ्ते चर्चा के प्रमुख विषय संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण विधेयक पारित लेकिन जनगणना और परिसीमन के बाद होगा लागू, भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी- भारत ने दिल्ली में तैनात कनाडा के राजनयिकों को किया निलंबित, पुरानी संसद से विदाई और नई संसद में प्रवेश के दौरान केंद्र सरकार ने सांसदों को दी संविधान की प्रति तो विपक्षी पार्टियों ने संविधान की प्रस्तावना से समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द हटाने के लगाए आरोप आदि रहे. 

गुजरात सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर छोड़ने के लिए नर्मदा बांध में पानी रोकने के आरोप और बारिश होने से बांध में ज्यादा पानी जमा होने के चलते राज्य के कई जिलों में आई बाढ़ भी हफ्तेरभर चर्चा में रही. 

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने गृहमंत्रालय को टीवी न्यूज़ चैनलों के लिए दिशानिर्देश बनाने के दिए निर्देश ने भी हफ्तेभर सुर्खियां बटोरी.  

हफ्ते की अन्य सुर्खियों में एक रिपोर्ट के मुताबिक- देश के 42 प्रतिशत स्नातक बेरोजगार, कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला- सोशल मीडिया के उपयोगर्ताओं के लिए निर्धारित हो न्यूनतम उम्र सीमा, कनाडाई सिंगर शुभ का मुंबई में निर्धारित शो रद्द और भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ता महेश राउत को मिली जमानत आदि मुद्दे भी शामिल रहे.

इस हफ्ते चर्चा में वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी और प्रोफेसर अदिति पासवान शामिल हुईं. न्यूज़लॉन्ड्री टीम से इस हफ्ते संपादक रमन किरपाल और हृदेश जोशी ने भी चर्चा में भाग लिया. वहीं, चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया. 

महिला आरक्षण विधेयक से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “संसद के दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पास हो गया है. इसको लागू करने में अभी कई रुकावटें हैं. जनगणना और परिसीमन के बाद ही आरक्षण बिल लागू हो सकेगा. लेकिन मौजूदा रूप में इसे आप कैसे देखते हैं?”

अदिति पासवान इसका जवाब देते हुए कहती हैं, “सबसे पहले तो कोई भी बिल आता है तो उसमें वक्त लगता है. ऐसा नहीं है कि आरक्षण बिल पारित होने के अगले दिन से ही बड़ा बदलाव दिखने लगेगा. जरूर यह महिला सशक्तिकरण के लिए यह एक बड़ा कदम है. कानून लागू होने के बाद हर तबके की महिलाओं को चाहे वो दलित हों या आदिवासी सबको मौका मिलेगा. मैं महिला होने के नाते बिल पारित होने के बाद बहुत खुश हूं.” 

नीरजा इस विषय पर जवाब देते हुए कहती हैं, “महिला आरक्षण बिल पारित कर बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. संसद में चर्चा के लिए जब इसे पेश किया गया था तब हमें बहुत उत्सुक्ता थी. लेकिन जनगणना और परिसीमन की शर्त लागू हो जाने के बाद हमें निराशा हुई है. इससे साफ हो गया कि 2029 तक महिला आरक्षण लागू नहीं होगा और कुछ लोगों का मानना है कि अगर परिसीमन में देरी होती है तो 2034 तक भी जा सकता है.”

इसी मुद्दे पर रमन किरपाल कहते हैं, “मैं इस कदम का स्वागत करता हूं. लेकिन महिला आरक्षण लागू करने के लिए जनगणना और परिसीमन की शर्त लागू करना जरूरी नहीं था. अगर आप चाहते तो तुरंत महिला आरक्षण लागू कर सकते थे. इसमें 2024 को लेकर राजनीति साफ-साफ दिख रही है.” 

इसके अलावा भारत कनाडा के रिश्तों में आई तल्ख़ी पर भी विस्तार से बातचीत हुई. सुनिए पूरी चर्चा -  

टाइम्स कोड्स

00ः00 - 03:12 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना

03:12 - 09:28 - सुर्खियां

09:29 - 23:40 - भारत के प्रधानमंत्रियों की कार्यप्रणाली 

23:40 - 49:02 - संसद में महिला आरक्षण

49:02 - 56:08 - सब्सक्राइबर्स के मेल 

56:08 - 1:17:22 - भारत और कनाडा विवाद 

1:17:22 -  सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

हृदयेश जोशी

दीपिका एस का लेख - वीमेन एंड द इंस्टिट्यूट 

दीपेश जोशी का लेख - पोल्गर सिस्टर्स स्टोरी 

नीरजा चौधरी 

किताब - हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड 

अदिति पासवान 

जेम्स ए रॉबिंसन की किताब - व्हाए नेशन फेल्स 

महिला आरक्षण को लेकर बृंदा करात का लेख

महिला आरक्षण के मुद्दे पर एंजेलिका अरिबम का लेख  

महिला आरक्षण पर अदिति पासवान का लेख 

रमन किरपाल 

न्यूज़लॉन्ड्री पर अनुराधा नागराज की रिपोर्ट 

अतुल चौरसिया 

ओम प्रकाश वाल्मीकि की किताब - जूठन 

डॉ तुलसीराम की किताब - मुर्दहिया 

नीरजा चौधरी की किताब -  हाउ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड 

ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा/नाज़िर हुसैन

प्रोड्यूसर: चंचल गुप्ता

एडिटर: उमराव सिंह

Also see
article imageचर्चा 284: कोटा में बढ़ते खुदकुशी के मामले और 14 न्यूज़ एंकरों के बहिष्कार का ऐलान
article imageएनएल चर्चा 283: जी 20 समिट, सनातन धर्म पर टिप्पणी और कुत्तों को ‘कैद’ करता दिल्ली नगर निगम

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like