बसपा सांसद दानिश अली को मिला राहुल गांधी का साथ, बोले- नफरत हारेगी, मुहब्बत जीतेगी

भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी की अपमानजनक टिप्पणियों के बाद बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि अगर लोकसभा अध्यक्ष ने कोई कार्रवाई नहीं की तो वे सदन भी छोड़ने पर विचार करेंगे.

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने बृहस्पतिवार को बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली पर आपत्तिजनक और असंसदीय भाषा का प्रयोग किया. उन्होंने सदन की कार्यवाही के दौरान आतंकवादी, उग्रवादी समेत कई ऐसे शब्दों का प्रयोग किया जिन्हें हम यहां नहीं लिख सकते हैं. 

दरअसल, चंद्रयान-3 की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देने पर सांसद दानिश अली ने आपत्ति जताई थी. उसके बाद बिधूड़ी ने कहा, “मोदी साहब श्रेय नहीं ले रहे हैं. श्रेय ले रहे हैं देश के वैज्ञानिक. इसका श्रेय जाता है तो देश के प्रधानमंत्री को जाता है.” इस पूरे वाकये का वीडियो फिलहाल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

इस घटना के बाद दानिश अली के घर पर आज सुबह से ही मीडिया का तांता लगा रहा. वहीं, कई नेता उनसे मिलने भी पहुंचे. देर शाम उनके घर पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी पहुंचे. 

राहुल गांधी ने दानिश को गले लगाया और बंद कमरे में दोनों नेताओं की करीब 40 मिनट तक बातचीत हुई. मुलाकात के बाद बाहर निकले राहुल गांधी ने मीडिया से सिर्फ इतना ही कहा. “नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान.” इसके बाद वह अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए.

दानिश अली ने न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में कहा, “मेरा रमेश बिधूड़ी से कोई झगड़ा नहीं है. वे बताएं कि वो कौन सी शाखा और प्रयोगशाला में ट्रेनिंग लेकर आए हैं? पहले इस तरह की बातें सड़कों पर होती थीं लेकिन अब अमृतकाल में संसद भवन के नए परिसर में विशेष सत्र में नफरती भाषा का इस्तेमाल हो रहा है. उनके साथी भाजपा के सासंद डॉक्टर हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद दोनों मेज थपथपा रहे हैं, मुस्कुरा रहे हैं. यह और भी शर्मनाक है. कहां ले जाओगे इस देश को."

दानिश अली के घर पहुंचे सांसद इमरान प्रतापगढ़ी से भी हमने बात की. वह कहते हैं, "ये वही सोच है जो गांव के गली और चोराहों पर है लेकिन वो अब संसद तक पहुंच गई है. हमें लगा था कि नई संसद बनी है तो भारतीय जनता पार्टी नई सोच के साथ सदन में आएगी, लेकिन संसद नई है और गाली वही पुरानी है, जो हमेशा से दी जाती है. इससे शर्मनाक क्या हो सकता है कि देश की संसद के अंदर सांप्रदायिक गाली दी गई.” 

इमरान आगे कहते हैं कि अगर इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप रहते हैं. वहीं, लोकसभा स्पीकर ऐसे सासंद को प्रतिबंधित नहीं करते और चेतावनी देकर छोड़ देते हैं तो इससे साफ जाहिर होगा की सरकार की मंशा यही थी कि गाली दी जाए.

वहीं, दानिश अली ने राहुल गांधी से हुई मुलाकात के बाद  के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा - “आप अचानक आ गये, मेरा हौसला बढ़ा गये! नफ़रत हारेगी, मुहब्बत जीतेगी!!!”

 देखिए ये वीडियो रिपोर्ट-  

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