15 सितंबर को हुए इस हादसे के बाद करीब 5 हजार मजदूर पलायन को मज़बूर हैं.
15 सितंबर की सुबह करीब 8:30 आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट फेज-2 के टावर नंबर 12C के 15वें फ्लोर पर काम करने के लिए नौ मजदूर लिफ्ट पर चढ़े. लेकिन 12वीं फ्लोर तक जाते-जाते लिफ्ट का केबल टूट गया. जिस कारण लिफ्ट गिरने से उसमें मौजूद सभी 9 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए.
वहीं, पर काम करने वाले एक अन्य मजदूर मोहम्मद लबो ने हमें बताया कि उस दिन बारिश हो रही थी. कई सारे मजदूर उसी लिफ्ट से ऊपर जाने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. लेकिन तभी लिफ़्ट अचानक से नीचे आ गिरी. जिसके बाद लोगों ने लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर उसमें फंसे घायल मजदूरों को निकालना शुरू किया. सभी की हालत बहुत गंभीर थी. किसी का हाथ टूट गया था तो किसी का पैर, वहीं, किसी की आंखें निकल आई थीं."
एक अन्य मजदूर संतोष ने बताया, "घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए मौके पर एंबुलेंस भी नहीं थी. दो निजी वाहनों के जरिए घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया."
अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत घोषित कर दिया और पांच को आईसीयू में भर्ती कर दिया लेकिन अगले दिन सुबह यानी शनिवार को चार और मजदूरों की मौत हो गई. एक मजदूर कैफ, अभी भी वेंटिलेटर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
वहीं, हादसे के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए नौ लोगों पर एफआईआर दर्ज कर ली. जिसमें आम्रपाली बिल्डर, राष्ट्रीय भवन निर्माण (एनबीसीसी) और गिरधारी लाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं. पुलिस ने अभी तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से बिल्डिंग को सील कर दिया गया है और फिलहाल सभी तरह के निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है. देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट.