एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में इस तरह की धमकियों की कड़ी निंदा की और राज्य सरकार से सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाने का आह्वान किया.
कश्मीर में आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा पत्रकारों को धमकी दिए जाने, और उसके बाद पत्रकारों के इस्तीफे पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने चिंता व्यक्त की है.
गिल्ड ने कहा कि कश्मीर में पत्रकार आज खुद को प्रशासन के साथ-साथ आतंकवादियों की फायरिंग लाइन में पाते हैं, जो कि 1990 के दशक के सालों की याद दिलाता है जब आतंकवाद चरम पर था.
बयान में आगे कहा गया कि क्षेत्र में मीडिया की स्वतंत्रता और एक सक्रिय सामाजिक हिस्सेदारी के लिए जगह लगातार कम होती जा रही है. हमें यह याद रखना चाहिए कि राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की जून 2018 में हत्या कर दी गई थी. कश्मीर प्रेस क्लब, जो पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए लड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था बन गया था, उसे सरकार ने इस साल की शुरूआत में बंद कर दिया.
गिल्ड ने आगे कहा कि आतंकवादी संगठनों द्वारा इन धमकियों ने डर और असुरक्षा की भावना को और ज़्यादा बढ़ा दिया है. जिस वजह से पत्रकारों के लिए स्वतंत्र रूप से काम करना असंभव हो गया है.
एडिटर्स गिल्ड ने अपने बयान में इस तरह की धमकियों की कड़ी निंदा की और राज्य सरकार से सुरक्षा और विश्वास का माहौल बनाने का आह्वान किया, जिसमें मीडिया किसी का पक्ष लेने के लिए मजबूर न हो और पूरी सुरक्षा के साथ स्वतंत्र वातावरण में काम कर सके.
बता दें कि आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने 12 नवंबर को एक पोस्टर साझा किया था, जिसमें कश्मीर के दो जाने-माने अखबारों राइजिंग कश्मीर और ग्रेटर कश्मीर पर सरकार का मुखपत्र होने का आरोप लगाया गया. इस धमकी के बाद राइजिंग कश्मीर अखबार के पांच पत्रकारों ने इस्तीफा दे दिया है.