विदेशी मेहमानों को सब कुछ अच्छा दिखाई दे इसलिए सौंदर्यीकरण के नाम पर झुग्गियों के बाहर दीवार खड़ी कर दी गई हैं, साथ ही बड़े-बड़े फूल पत्तियों वाले टिन सेट लगा दिए गए हैं. इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों को भी अब सड़क किनारे से हटा दिया गया है.
राजधानी दिल्ली में होने जा रहे जी 20 सम्मेलन की तैयारियां जोरो पर हैं. इस समिट को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने 08, 09 और 10 तारीख को छुट्टी का भी ऐलान किया है. यानी पूरी दिल्ली को बंद रखा जाएगा. इन तैयारियों के बीच लोगों को काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ रहा है. कई देशों से आ रहे जी 20 प्रतिनिधियों को भारत की गरीबी न दिखाई दे इसके लिए झुग्गी झोपड़ियों को ढक दिया गया है. सौंदर्यीकरण के नाम पर झुग्गियों के बाहर दीवार खड़ी कर दी गई हैं, साथ ही बड़े-बड़े फूल पत्तियों वाले टिन सेट लगा दिए गए हैं. इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों को भी अब सड़क किनारों से हटा दिया गया है. कुछ को वापस भेज दिया गया है तो कुछ को स्कूलों या अन्य जगहों पर शिफ्ट किया गया है.
दिल्ली को सजाने के नाम पर सरकार क्या कर रही है यही जानने के लिए हमने दिल्ली और नोएडा के कई इलाकों का दौरा किया. हमने अपनी पड़ताल में पाया कि एयरपोर्ट से लेकर नोएडा तक दिल्ली को सजाया जा रहा है. मजदूरों और ठेकेदारों को तय समय पर काम खत्म करने का टारगेट दिया गया है. इसके चलते वे दिन रात काम में जुटे हुए हैं.
नोएडा के सेक्टर-16 की जेजे कॉलोनी को पूरी तरह से ढक दिया गया है. इससे स्थानीय निवासी काफी गुस्से में हैं. इनमें से बृहस्पतिवाला भी एक हैं, जो एक टायर पंचर की दुकान चलाते हैं. उनकी दुकान को पूरी तरह से ढक दिया गया है. वह कहते हैं, "यह काम एक महीने से चल रहा है, मेरी दुकान पूरी तरह से ढक दी गई है. इसके चलते दुकानदारी खत्म सी हो गई है. सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि बाहर से आ रहे लोगों को गंदगी और ये झुग्गी झोपड़ियां नहीं दिखाई दें. हम कुछ कहेंगे तो हमारे खिलाफ कार्रवाई होगी. हम कुछ नहीं कर सकते हैं."
वहीं वीके मजूमदार कहते हैं, “हम इंडिया के हैं, हम कोई पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से तो नहीं आए हैं. जी 20 के नाम पर लोगों को परेशान किया जा रहा है, लेकिन गरीबों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है."
सेक्टर-16 जेजे कॉलोनी की प्रधान भी काफी गुस्से में हैं. वह कहती हैं, "विदेश के लोग भारत में आ रहे हैं. इसलिए गंदगी को ढका जा रहा है. हम लोग गंदे हैं इसलिए हमें ढका जा रहा है क्योंकि अगर हम सामने आ गए तो मोदी-योगी जी की बेइज्जती हो जाएगी. विदेशों में अपना नाम करने के लिए ये सब कर रहे हैं. हम तो गरीब लोग हैं, हम कमाने खाने कहां जाएं."
मालूम हो कि बीते दिनों यमुना में बाढ़ आ गई थी. इसके चलते दिल्ली के कई गांवों के लोगों को अपना घर छोड़कर सड़क पर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा था. दिल्ली सरकार ने इनके रहने के लिए तंबू और खाने पीने की भी व्यवस्था की थी. लेकिन अब जी 20 समिट के चलते इन्हे यहां से हटा दिया गया है. सड़कें खाली करवा दी गई हैं. बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि अभी पानी पूरी तरह से उतरा भी नहीं है लेकिन हमें यहां से भगा दिया गया है ताकि विदेशों से आ रहे डेलीगेशन को देश की गरीबी न दिखाई दे.
बाढ़ पीड़ित लाली कहती हैं, "हमसे कहा गया है कि अब तुम लोग यहां नहीं रहोगे भीतर जाओ, क्योंकि सड़कों पर पेड़ पौधे लग रहे हैं, पुताई चल रही है. सड़क पर अब हम बैठने नहीं देंगे. हम वहां रहेंगे तो बाहर के लोग कहेंगे ये भारत तो गंदा है."
वहीं एक अन्य बाढ़ पीड़ित महिला कहती हैं, "बाहर देश के नेता आ रहे हैं, इसलिए मोदी ने कहा है कि हमारे देश में गरीब कोई नहीं है, इस वजह से कहा कि ये झुग्गी-झोपड़ी नहीं दिखाई देनी चाहिए. पुलिस वालों ने हमें भगा दिया है. अब हम कहां जाएं पानी में डूबें? हमें 27-28 साल हो गए हैं वोट डालते हुए अब हमें भगा रहे हैं."
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