डेली मैवरिक ने दावा किया कि बुधवार दोपहर को भारतीय सर्वर्स से 36.1 मिलियन हिट आए जिसके चलते उनकी वेबसाइट क्रैश हो गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं. उनकी यात्रा के दौरान कुछ ऐसा भी हुआ जिसकी चर्चा हो रही है. इस कथित वाकये को डेली मैवरिक नामक वेबसाइट ने रिपोर्ट किया.
22 अगस्त को पीटर फैब्रिशियस की बाइलाइन से प्रकाशित इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दक्षिण अफ्रीका की प्रशासनिक राजधानी प्रिटोरिया के वाटरफ्लूक एयरबेस पर पहुंचे तो उन्होंने अपने विमान से उतरने से मना कर दिया.
रिपोर्ट के मुताबिक, “भारत के प्रधानमंत्री की ओर से ऐसा इसीलिए किया गया क्योंकि उनके स्वागत के लिए दक्षिण अफ्रीकी सरकार की ओर से सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री को भेजा गया था. जबकि ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने आए चीनी राष्ट्रपति की स्वागत के लिए स्वयं राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा पहुंचे थे. इसके बाद रामफोसा ने पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए उपराष्ट्रपति पॉल मशाटाइल को भेजा. जिसके बाद ये मामला शांत हुआ.”
हालांकि दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति कार्यालय ने इस तरह की किसी घटना से इनकार किया है. प्रवक्ता वुकानी एमडीई ने WION को बताया, “डेली मैवरिक ने जो रिपोर्ट की है उसका हर पहलू झूठा है. उप राष्ट्रपति को समय से पहले ही पता था कि भारतीय पीएम आ रहे हैं." प्रवक्ता ने दावा किया कि उप राष्ट्रपति को अचानक नहीं भेजा गया था.
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Contributeबात यहीं नहीं रुकी. दक्षिण अफ्रीकी डिजिटल समाचार वेबसाइट ने बुधवार को एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित कर आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट को प्रकाशित होने के बाद भारत के सर्वर्स से वेबसाइट पर साइबर हमला हुआ है.
इससे पहले डेली मैवरिक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) स्टाइलि चारलाम्बस ने स्क्रॉल को दिए एक बयान में कहा, "मैं पुष्टि कर सकता हूं कि हमें भारत की ओर से डीडीओएस (Distributed Denial-of-Service) हमलों का सामना करना पड़ रहा है."
वेबसाइट ने रिपोर्ट में दावा किया कि रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद बुधवार को डेली मैवरिक की वेबसाइट को भारतीय सर्वर से 36.1 मिलियन हिट आए.
डेली मैवरिक के सिक्योरिटी कोर्डिनेटर ने कहा, “साइट अचानक बंद हो गई. हमने इसे तुरंत ठीक करने की कोशिश की तो पाया कि बड़े पैमाने पर डीडीओएस अटैक हो रहा है. और जांच करने पर पता चला कि अटैक भारतीय सर्वर से हो रहे थे.”
मालूम हो कि डीडीओएस अटैक के दौरान, साइट विशेष को कुछ समय के लिए बंद करने के इरादे से बॉट ट्रैफ़िक से भर दिया जाता है ताकि बाकी लोग साइट को एक्सेस न कर पाएं. इस साल अप्रैल में भारत भी अपने एयरपोर्ट्स पर डीडीओएस अटैक का सामना कर चुका है.
साइबर हमले के बारे में बताते हुए डेली मैवरिक के प्रधान संपादक ब्रैंको ब्रिकिक ने कहा, “यह स्पष्ट था कि इस हमले का उद्देश्य भारत के लोगों को इस रिपोर्ट तक पहुंचने नहीं देना है क्योंकि हमले के स्रोत को छिपाने का कोई प्रयास नहीं किया गया था. अपनी वेबसाइट की सुरक्षा के लिए हमारे पास भारत से आने वाले सारे ट्रैफिक (डोमेन) को ब्लॉक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था."
उल्लेखनीय है कि भारत के सर्वर से फिलहाल इस रिपोर्ट को एक्सेस नहीं किया जा सकता है.
ब्रिकिक ने कहा, “इन साइबर हमले और उप राष्ट्रपति पॉल मैशाटाइल के कार्यालय द्वारा इंकार किए जाने के बावजूद, डेली मेवरिक अपनी रिपोर्ट पर कायम है और आगे भी रिपोर्ट करना जारी रखेगा.”
भारत सरकार की ओर से इस मामले पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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