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एनएल चर्चा 280: चुनावी भाषणों और नए कानूनों के बीच संविधान बदलने की वकालत का शगूफा

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण, लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य संहिता एवं आपराधिक प्रकिया संहिता की जगह नए कानूनों को लाने का प्रस्ताव और प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय का लेख- जिसमें संविधान को बदलने की वकालत की गई आदि रहे. 

हफ्तेभर की अन्य बड़ी खबरों में भारी बारिश से हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बड़ी तबाही, कैग ने किया आयुष्मान भारत योजना का ऑडिट, मध्यप्रदेश में ठेकेदारों का आरोप- ठेके की एवज देना पड़ती है 50 प्रतिशत रिश्वत और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का स्वतंत्रता दिवस पर भाषण शामिल हैं. 

इसके अलावा हिंसा भड़काने वालों में शामिल बिट्टू बजरंगी गिरफ्तार, नूंह हिंसा की जांच करने वाले पैनल को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- हेट स्पीच किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं, पाकिस्तान में बलूचिस्तान के सीनेटर अनवारुल हक़ बने कार्यवाहक प्रधानमंत्री और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर अभियोग सिद्ध आदि मुद्दे भी चर्चा में रहे. 

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान स्मिता शर्मा और यूट्यूब चैनल आर्टिकल 19 के संपादक नवीन कुमार समेत न्यूज़लॉन्ड्री के पॉडकास्ट प्रमुख शार्दूल कात्यायन और अवधेश कुमार शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

लाल किले की प्राचीर से दिए गए पीएम मोदी के भाषण से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल नवीन से सवाल करते हैं, “प्रधानमंत्री के इस भाषण ने इस बार कैसे प्रभावित किया?”

इस सवाल के जवाब में नवीन कहते हैं, “इस भाषण में उन्होंने कोई ऐसी बात नहीं की जिसकी हमने उम्मीद नहीं की थी सबको पता था कि चुनावी भाषण होगा, लेकिन जिस शानदार तरीके से वो देश को बरगलाते हैं और जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाते हैं ऐसी ढिठाई किसी प्रधानमंत्री में नहीं थी. न बेरोजगारी का जिक्र करते हैं, न महंगाई का जिक्र करते हैं, न भ्रष्टाचार पर बात करते हैं, देश के हजारों करोड़ रूपए लेकर लोग भाग गए और आप लफ्फाजी कर रहे हैं कि हजार साल बाद आपको इतिहास याद रखेगा. प्रधानमंत्री का भाषण भारत की जनता से, भारत के लोगों से और संविधान की शपथ लेकर ली गई जिम्मेदारियों से भागते हुए एक नेता का भाषण था.”

इस विषय पर और विस्तार से जानने के लिए सुनिए पूरी चर्चा. इसके अलावा रोज़ाना बन रहे नए नए कानूनों, उनकी उपयोगिता और दुरुपयोग पर भी विस्तार से बात हुई. 

टाइम कोड्स:

00:00:00 - 00:17:50 - जरूरी सूचना व हैडलाइंस 

00:17:50 - 00:38:42 - प्रधानमंत्री का भाषण 

00:38:42 - 01:27:47 - नए कानून और नए संविधान की जरूरत?   

01:27:47- जरूरी सूचना व सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

शार्दूल कात्यायन 

इस हफ्ते की टिप्पणी 

ऑटिज्म पर न्यूज़लॉन्ड्री का पॉडकास्ट- माइंड की बात 

दंगों को लेकर सबरंग पर प्रकाशित लेख 

गांधीवादी संस्थान के ध्वस्तीकरण पर ‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट

अवधेश कुमार

बीबीसी पॉडकास्ट- माय इंडियन लाइफ 

रवीश कुमार का कार्यक्रम- परिवारवाद, भ्रष्टाचार से बोगस लड़ाई

नवीन कुमार 

मनोज मित्ता की किताब- कास्ट प्राइड 

अभिनव चंद्रचूड़ की किताब- दीज़ सीट्स आ रिजर्व्ड: कास्ट, कोटाज़ एंड द कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ इंडिया

स्मिता शर्मा 

नकुल मेहता द्वारा प्रस्तुत अजय सिंह की कविता- भारत 

अतुल चौरसिया

संपत सरल की किताब- एक मंजिला ईमारत में लिफ्ट 

‘मेरे घर आ कर तो देखो’ अभियान 

ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा 

प्रोड्यूसरः चंचल गुप्ता 

एडिटर: उमराव सिंह 

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