play_circle

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 278: नूंह से लेकर बरेली तक हिंसा का व्याकरण और सांप्रदायिक होता ‘चेतन’ समाज

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं. 

    bookmark_add 
  • whatsapp
  • copy

इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा और इसमें छः लोगों की मौत, हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर में बजरंग दल और विश्व हिन्दू परिषद की रैलियां- जिसमें नफरती भाषण देने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक और जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल के जवान चेतन सिंह द्वारा अपने सीनियर एएसआई टीकाराम मीणा समेत तीन मुस्लिम यात्रियों की गोली मारकर हत्या आदि रहे. 

हफ्ते की बड़ी खबरों में बरेली में मुस्लिम बहुल इलाके से यात्रा निकालने की जिद पर अड़े कांवड़ियों के झुण्ड पर लाठीचार्ज के बाद वहां के एसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला, नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी बजरंग दल से जुड़े मोनू मानेसर को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री का बयान- गिरफ्तारी के लिए करेंगे राजस्थान पुलिस को सहयोग, मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार और ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार रहे. 

इसके अलावा संसद से भी इस हफ्ते कई सुर्खियां आई. जिनमें वन संरक्षण अधिनियम के संशोधन पारित होना, अफसरों की नियुक्ति संबंधी दिल्ली सेवा अधिनियम बिल समेत कई अन्य बिलों का बिना चर्चा के ही पारित होना शामिल है. 

वहीं, कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प पर 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में धांधली को लेकर अभियोग सिद्ध, चीन के बीजिंग में 140 साल में सबसे भारी बारिश आदि भी हफ्ते की प्रमुख सुर्खियां रहीं.   

चर्चा में इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव और लेखक उर्वीश कोठारी शामिल हुए. इनके अलावा न्यूज़लॉन्ड्री के शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने भी चर्चा में शामिल रहे. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “पहले नूंह में सांप्रदायिक दंगा हुआ और उसके बाद गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल में हिंसा फैली. कहा जा रहा है कि यह सब पुलिस और प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. क्या वाकई ऐसा है?

इस सवाल के जवाब में राहुल कहते हैं, “ऐसे सभी मामले बहुत जटिल होते हैं, कुछ भी इतना सरल नहीं होता. ऐसे मामलों में कोई एक तत्व या पक्ष शामिल नहीं होता. हालांकि, इस मामले में पुलिस-प्रशासन का बेहद आश्चर्यजनक और अद्भुत क़िस्म का निकम्मापन और अदूरदर्शिता तो साफ दिखाई देती है. मैं मानता हूं कि यह सारा उपद्रव रोका जा सकता था. करीब दो दिन पहले से ही सार्वजनिक रूप से इतने सारे संकेत उपलब्ध थे कि ये पूरी हिंसा टाली जा सकती थी. वहीं, हिंसा के दिन नूंह में पर्याप्त पुलिसबल का न होना भी प्रशासन की सबसे बड़ी नाकामी है.”

इसके अलावा चलती ट्रेन में रेलवे के जवान चेतन सिंह द्वारा अपने अधिकारी समेत तीन मुस्लिमों को निशाना बनाकर मारने की घटना पर भी चर्चा हुई.  

टाइम कोड्स

00:00:00 - 00:14:28 - जरूरी सूचना व कुछ सुर्खियां 

00:14:28 - 00:14:22 - नूंह और बरेली के एसपी का तबादला 

00:14:22 - 00:24:30 - हफ्तेभर की अन्य सुर्खियां

00:24:30 - 01:12:54 - नूंह हिंसा  

01:12:54 - 01:41:35 - जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन में गोलीबारी और मीडिया की भूमिका 

01:41:35 - 01:32:40-  इंटरनेट शटडाउन  

01:52:00 -  सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए

राहुल देव

सलाहः विभिन्न स्त्रोतों से जानकारी लें और जितना हो सके उतना पढ़ें. 

उर्वीश कोठारी

गुजरती फिल्म - हेलारो 

शार्दूल कात्यायन 

मणिपुर हिंसा पर न्यूज़लॉन्ड्री की ग्राउंड रिपोर्ट्स 

ब्रिटिश टेलीविज़न सीरीज: द वर्ल्ड एट वॉर 

 रामधारी सिंह "दिनकर" की रचना: समर शेष है 

मार्कस औरेलियस की किताब: मेडिटेशन्स 

विकास जांगड़ा 

नेटफ्लिक्स सीरीज़ - द फैमिली 

डॉ. भीमराव अंबेडकर का भाषण: अराजकता का व्याकरण

अतुल चौरसिया

न्यूज़लॉन्ड्री का पॉडकास्ट - माइंड की बात 

ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा 

प्रोड्यूसरः चंचल गुप्ता

एडिटर: उमराव सिंह

Also see
एनएल चर्चा 277: मणिपुर में हिंसा और संसद में जारी गतिरोध के बीच अविश्वास प्रस्ताव का दांव
एनएल चर्चा 276: मणिपुर में क्रूरता का नंगा नाच और इंडिया बनाम एनडीए का गणित
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like