हिंदी के प्रमुख अख़बारों की रोज़ाना सुर्खियों का एक जायजा.
हिंदी के प्रमुख अख़बारों ने आज एक नहीं अलग-अलग ख़बरों को प्रमुखता दी है. किसी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बजरंग की रैलियों को लेकर दिए गए फैसले तो किसी ने नूंह हिंसा को प्रमुखता दी है. वहीं, कुछ अख़बारों ने विपक्षी नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाकात को भी अहमियत दी है.
आज के प्रमुख अख़बारों की सुर्खियों पर एक नजर डालें उससे पहले अगर आप रोज़नामचा को अपने ई-मेल पर पाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें.
दैनिक जागरण ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के नूंह में भड़की हिंसा के विस्तार को रोकने के लिए दिए गए आदेशों को प्राथमिकता दी है. अख़बार ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाने और भड़काऊ भाषणों पर रोक लगाने के आदेश दिए. बता दें कि नूंह समेत हरियाणा के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा के बाद बजरंग दल ने कई जगहों पर प्रदर्शन का ऐलान किया. इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. जिस पर ये आदेश दिए गए.
अख़बार ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बयान को भी प्रमुखता दी है. अख़बार ने लिखा कि सभापति ने कहा, “पीएम को सदन में आने का निर्देश नहीं दे सकता”. ख़बर के मुताबिक, बुधवार की सुबह संसद की कार्यवाही की शुरूआत से ही विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सांसद मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग करने लगे.
अख़बार ने अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के विरुद्ध याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सवाल को भी अहमियत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि संविधान सभा की अनुपस्थिति में कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है?
इसके अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी बोस ने राजभवन में खोला भ्रष्टाचार निरोधी सेल, राजस्थान में मंत्रिमंडल से बर्खास्त विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने सार्वजनिक किए लाल डायरी के तीन पेज, पीएम मोदी का बयान- विकास को गति देता है महिलाओं का सशक्तिकरण, ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी जीएसटी बरकरार आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
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Contributeअमर उजाला ने हरियाणा के नूंह में शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाकी जिलों विस्तार को प्राथमिकता दी है. अख़बार ने लिखा कि हिंसा की आग दक्षिण हरियाणा में भी फैल चुकी है और अब तक छः लोगों की मौत हो चुकी है. ख़बर के मुताबिक, हिंसा के मामले में 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी.
अख़बार ने इस प्रमुख ख़बर के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को भी नत्थी किया है. ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए और भड़काऊ भाषणों को रोका जाए. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने वीएचपी और बजरंग दल द्वारा प्रस्तावित रैलियों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है.
इसके अलावा विपक्ष के हंगामे से नाराज लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सदन में नहीं बैठे आसन पर, एप के जरिए लड़की आवाज में पूर्व अधिकारी से ठगे 48 लाख, सुप्रीम कोर्ट का सवाल- जम्मू-कश्मीर में संविधान सभा नहीं तो कौन करेगा अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश, इलाहाबाद कोर्ट की टिप्पणी- लंबे समय तक संबंध बनाने के बाद महिलाएं दर्ज करा रहीं झूठे रेप केस आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
हिंदुस्तान ने नूंह हिंसा को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट के बयान को प्राथमिकता दी है. ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने भाषणों की वीडियो रिकॉर्डिंग करने और सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने को कहा है. साथ ही कोर्ट ने हरियाणा, दिल्ली और यूपी सरकार को भी इस मामले में पक्ष रखने को कहा है.
अख़बार ने विपक्षी गठबंधन के नेताओं द्वारा राष्ट्रपति से मुलाकात को भी अहमियत दी है. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने राष्ट्रपति से मिलकर अनुरोध किया कि वो मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी को बयान देने और दौरा करने के लिए कहें.
इसके अलावा पीएम मोदी की अपने सांसदों को नसीहत- गरीबों के लिए काम करने से मिलेंगे वोट, ऑनलाइन गेमिंग पर अक्टूबर से 28 प्रतिशत जीएसटी, कर्ज में डूबे कला निर्देशक नितिन देसाई घर में मृत मिले आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
जनसत्ता ने हिंसा भड़कने की आशंका के चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्राथमिकता दी है. अख़बार के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत का संविधान एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना करता है. साथ ही ये भी याद दिलाया कि पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि नफरती भाषण देने वालों के खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. ऐसे मामलों में शिकायत का इंतजार नहीं करना है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रैलियों और प्रदर्शनों की वीडियो रिकॉर्डिंग को सुरक्षित रखा जाए.
अख़बार ने जम्मू-कश्मीर से धारा -370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई को भी प्रमुखता से प्रकाशित किया है. ख़बर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर रोजाना सुनवाई करेगी.
इसके अलावा ज्ञानवापी मामले की याचिकाकर्ता राखी सिंह का वाराणसी अदालत में मुस्लिम पक्ष पर हिंदू प्रतीकों को नष्ट करने के आरोप, नूंह हिंसा के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बयान- हर व्यक्ति की सुरक्षा पुलिस से संभव नहीं, मणिपुर के मुद्दे पर संसद में गतिरोध बरकरार, कूनो नेशनल पार्क में 9वें चीते की मौत, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा- कोई नाबालिग लिव इन में नहीं रह सकता, यह अवैध और अनैतिक होगा आदि ख़बरों को भी अख़बार ने पहले पन्ने पर जगह दी है.
दैनिक भास्कर ने सुप्रीम कोर्ट के बयान को प्राथमिकता दी है. कोर्ट ने नूंह में भड़की हिंसा के विस्तार की आशंकाओं के बीच निर्देश दिए कि सरकार भड़काऊ भाषण और हिंसा रोकना सुनिश्चित करे. अख़बार ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा, यूपी, दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस भी जारी किया. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे बजरंग दल की रैलियों पर रोक नहीं लगा सकते लेकिन राज्य सरकार को ये निर्देश दिया कि रैलियों में हेट स्पीच न हो. साथ ही भाषणों की वीडियोग्राफी के भी निर्देश दिए.
अख़बार ने लंदन में 19 मार्च को भारतीय दूतावास पर हमले से जुड़ी ख़बर को भी अहमियत दी है. अख़बार ने लिखा कि भारतीय दूतावास पर हमले और तिरंगे की अपमान के तार पंजाब से जुड़ते हैं. भारतीय एजेंसियों को इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैंं कि इस षडयंत्र की पटकथा पंजाब में लिखी गई. ख़बर के मुताबिक, आंतकी संगठनों से सहानुभूति रखने वाले 31 लोगों की भी पहचान हुई है.
इसके अलावा जुलाई में बेरोजगारी दर गांव में घटी, शहर में बढी, पीएम मोदी की अपील- भाजपा के सांसद मुस्लिम महिलाओं से राखी बंधवाएं, चंडीगढ़-शिमला हाईवे पर भूस्खलन से 100 मीटर तक सड़क धंसी, गेमिंग एप पर अक्टूबर से 28 प्रतिशत जीएसटी, कनाडा में फेसबुक-इंस्टाग्राम पर अब समाचार नहीं दिखेंगे-ख़बरों के बदले प्रकाशक को भुगतान का कानून लागू , स्टूडियो में लटका मिला कलाकार नितिन देसाई का शव, मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 9वें चीते की मौत, मानहानि केस में राहुल गांधी ने किया जवाब दाखिल, आदि खबरों को भी अख़बार ने प्रमुखता दी है.
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