न्यूज़लॉन्ड्री की टीम मणिपुर राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कुकी और मैतई समुदाय के बीच जारी जातीय हिंसा की मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए ग्राउंड पर है.
बिष्णुपुर जिले का फौगाक्चाओ गांव. जब न्यूज़लॉन्ड्री की टीम इस गांव में पहुंची तो वहां फायरिंग की आवाजें आ रही थीं. हमने गांव के लोगों से बात की. उनका कहना है कि यहां पर कल रात फायरिंग और बमबारी हुई. इस दौरान एक बच्चा भी घायल हो गया. गंभीर घायल बच्चे का इलाज इंफाल के एक अस्पताल में जारी है. यही वजह है कि अब गांव में सेना और अर्धसैनिक बलों की कई गाड़ियां चक्कर काटती देखी जा सकती हैं.
गांव के लोगों का कहना है कि बिष्णुपुर जिले के तिरबुन इलाके पर कुकी समुदाय के लोगों ने कब्जा कर लिया है.
स्थानीय निवासी थोइबी देवी कहती हैं, "हमारे गांव में फायरिंग हुई थी, जिसमें दो लोग घायल हो गए थे. बाद में शाम को बम छोडे़ गए, जिसमें हमारा एक 17 वर्षीय बच्चा घायल हो गया है. जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. हमारा गांव बहुत सुंदर है, पहले यहां दूर-दूर से लोग देखने आते थे लेकिन अभी कोई नहीं आ रहा है. इस गांव में लगभग 1500 घर थे. अब सिर्फ 15-20 घर बचे हैं बाकी घर जला या तोड़ दिए गए हैं. इसकी शुरुआत 3 मई को हुई थी.”
वहीं राजकुमार काइकु कहते हैं, "यहां पर कई घरों को जला और तोड़ दिया गया है जबकि कई लोगों की हत्या कर दी गई है. अभी आकर यहां मीडिया दिखा रहा है, इससे पहले तो यहां पर कोई आ भी नहीं रहा था. भारत सरकार चाहे तो एक सप्ताह में यह सब खत्म कर सकती है, उनके लिए यह कुछ भी नहीं है. लेकिन सब चुप हैं."
बता दें कि इस गांव के कुछ ही लोग घर पर रहते हैं बाकी रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं.
इस वीडियो में देखिए क्या है स्थिति-
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