आम आदमी की थाली से गायब होते टमाटर के पीछे की क्या है वजह

बढ़ती कीमतों के चलते जहां एक तरफ आम आदमी की थाली से टमाटर गायब होता जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ इसकी खेती बर्बाद हो रही है.

   bookmark_add
  • whatsapp
  • copy

दिल्ली सहित देशभर में टमाटर की बढ़ती कीमत से आम आदमी की रसोई का बजट डगमगा गया है. वहीं दूसरी तरफ मैकडोनाल्ड जैसी मल्टीनेशनल कंपनी ने भी अपने बर्गर से टमाटर को हटा दिया है. टमाटर के बढ़ते दाम के गणित और आम आदमी की जेब पर बढ़ते प्रभाव को समझने के लिए हमने दिल्ली स्थित एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर सब्जी मंडी का दौरा किया.

आजादपुर मंडी में व्यापारियों ने हमें बताया कि सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा होने की वजह से कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है. पहले जहां दिल्ली में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और एनसीआर के तमाम क्षेत्रों से टमाटर मंडी में आता था, वह अब बंद हो गया है. अब मंडी में आने वाला टमाटर मुख्यतः हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक से आ रहा है. इस बीच हिमाचल में बाढ़ से मची तबाही की वजह से इसकी फसल बर्बाद हो रही है और सप्लाई दिल्ली नहीं पहुंच पा रही. इस वजह से भी दाम बढ़ रहे हैं.

हालांकि व्यापारियों ने हमें यह भी बताया कि जून के पहले हफ्ते तक जब हरियाणा और यूपी के किसान मंडी में टमाटर लेकर आते थे, तो इसकी कीमत 4 से 10 रुपए के बीच थी, जिसकी वजह से ज्यादातर किसान अपना टमाटर मंडी में फेंक कर चले जाते थे क्योंकि यह कीमत लागत से भी कम थी. 

बता दें कि मई जून के महीने में टमाटर की खस्ताहाल कीमत से परेशान होकर हरियाणा और यूपी के कई किसानों ने अपने टमाटर खेत में ही छोड़ दिए थे फिर ट्रैक्टर चलाकर उन्हें बर्बाद कर दिया गया. इसका नतीजा यह हुआ कि टमाटर की सप्लाई की निर्भरता हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक पर आ गई.

यही नहीं टमाटर के फुटकर व्यापारी भी परेशान नजर आए. उनका कहना है कि बढ़ती कीमत की वजह से जो लोग पहले किलो या दो किलो खरीदते थे वह अब एक पाव या दो पाव तक ही टमाटर खरीद रहे हैं. मंडी में मात्र दो से चार रुपए किलो बिकने वाला खराब क्वालिटी का टमाटर भी अब 80 से 100 रुपए किलो तक बिक रहा है.  

इस दौरान हमने आम लोगों से भी बात की और टमाटर के बढ़ते दामों से उन पर पड़ने वाले असर को जाना. 

देखिए हमारी यह वीडियो रिपोर्ट-

Also see
कर्नाटक चुनाव: क्या महंगाई और भ्रष्टाचार पर भारी पड़ेगा मोदी मैजिक?
G20: राजधानी को सुन्दर बनाने के लिए चल रहा बुलडोजर, अब तक करीब 18 हजार परिवार बेघर 
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like