न्यूज़लॉन्ड्री की याचिका पर कर्मा न्यूज़ को नोटिस, लगाए थे अलगाववाद का समर्थन करने का आरोप

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मानहानि के मुकदमे में कर्मा न्यूज को नोटिस जारी किया है. इस मामले में न्यूज़लॉन्ड्री ने हर्जाने के रूप में 2 करोड़ रुपये और माफी की मांग की है. 

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केरल स्थित डिजिटल प्लेटफॉर्म कर्मा न्यूज ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह अगले आदेश तक न्यूजलॉन्ड्री और जोसी जोसेफ के द कॉन्फ्लुएंस मीडिया के खिलाफ दुष्प्रचार नहीं करेंगे. कर्मा न्यूज़ ने दोनों संस्थानों पर अलगाववादी प्रचार, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा होने के आरोप लगाते हुए काफी दुष्प्रचार किया था. 

अदालत ने न्यूज़लॉन्ड्री और द कॉन्फ्लुएंस मीडिया द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे पर सुनवाई की. जिसमें कि कर्मा न्यूज़ से 2 करोड़ रुपये हर्जाना और माफी की मांग की गई है. 

मालूम हो कि मार्च में कोच्चि में ‘फर्स्ट कटिंग साउथ मीडिया’ नामक कार्यक्रम किया था. दोनों मीडिया संस्थानों और द न्यूज़ मिनट ने केरल मीडिया अकादमी के साथ साझेदारी में यह कार्यक्रम आयोजित किया था.  

इसके बाद कर्मा न्यूज ने इस कार्यक्रम को लेकर एक भ्रामक अभियान चलाया और दोनों मीडिया संस्थानों के खिलाफ दुष्प्रचार किया. 

वकील उद्दव खन्ना और कृष्ण कुमार के माध्यम से दायर याचिका के अनुसार, कर्मा न्यूज़ ने इन मीडिया संस्थानों पर देश को अलग करने और भारत को उत्तर और दक्षिण में विभाजित करने की साजिश का आरोप लगाया. कर्मा न्यूज़ ने इन पर खालिस्तानी आतंकवादी होने और प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध रखने का भी आरोप लगाया है.

कर्मा न्यूज़ की याचिका के अनुसार, “यह कार्यक्रम (कटिंग साउथ 2023) एक बड़ी आतंकी साजिश है और देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे लोगों की कोशिश का एक हिस्सा है.”

जिसके जवाब में न्यूज़लॉन्ड्री और कॉन्फ्लुएंस मीडिया ने तर्क दिया कि "कटिंग साउथ 2023" नाम से उनका देश को विभाजित करने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि इसे "कटिंग चाय" से लिया गया है, जो "कटिंग एज" वाक्यांश से आया है.

फिलहाल, दिल्ली हाईकोर्ट ने कर्मा न्यूज के साथ-साथ यूट्यूब को भी नोटिस जारी कर 30 दिनों के भीतर अपना जवाब देने को कहा है. अब इस मामले की सुनवाई अगस्त में होगी.

जब मामला न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, तो कर्मा न्यूज़ के वकील ने दावा किया कि यह इस तरह की कवरेज वाला एकमात्र संसथान नहीं था,  'जन्मभूमि' द्वारा भी ऐसी ही रिपोर्ट की गयी है. 

हालांकि, संस्थान ने बाद में कहा कि वह सुनवाई की अगली तारीख तक अपने लगाए आरोपो को नहीं दोहराएगा. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को स्वीकार कर लिया और नोटिस जारी किया. 

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