आगरा के एक पुलिस स्टेशन में खड़े पत्रकार गौरव अग्रवाल का वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में गौरव कांपते हुए नजर आ रहे हैं. जानिए क्या है पूरा मामला.
पहले भी पुलिस के निशाने पर रहे हैं गौरव
मानवेन्द्र ने हमें बताया कि गौरव पर पहले भी प्रशासन द्वारा दो बार मुकदमा लिखा जा चुका है. वह हमेशा से डीएम प्रभु नारायण सिंह के निशाने पर रहे हैं.
मानवेन्द्र बताते हैं, “गौरव ने कोरोना के दौरान ऑक्सीमीटर की कालाबाजारी पर रिपोर्ट की थी, जिसके बाद उस पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर मामला दर्ज कर लिया गया था. बाजार के बीचों-बीच अवैध निर्माण का विरोध करने के लिए गौरव पर वसूली का दूसरा मामला दर्ज हुआ और यह तीसरा मामला है. तीनों में ही पुलिस कोई सबूत नहीं ढूंढ पाई है.”
मानवेन्द्र आगे कहते हैं, “गौरव कोविड के समय से डीएम प्रभु नारायण सिंह के खिलाफ मुखर होकर बोलता और लिखता था. इसके बाद से कलेक्टरेट में गौरव की एंट्री बंद कर दी थी. कई सरकारी दफ्तरों में तो गौरव के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था.”
इस मामले पर न्यूज़लॉन्ड्री ने आगरा के एक और पत्रकार मदन मोहन सोनी से भी बात की. सोनी आगरा में एबी स्टार न्यूज़ और एफएम न्यूज़ के लिए काम करते हैं.
वह कहते हैं, “प्रशासन की पहले से ही गौरव पर नजर थी. 8 मार्च को हुई घटना के अगले दिन 9 मार्च की रात को पुलिस गौरव को उसके आवास से गिरफ्तार करके ले गई. यह उनके लिए एक मौका था गौरव को गिरफ्तार करने का.”
वह आगे कहते हैं, “थाने में पत्रकार गौरव को रात भर जानवरों की तरह पीटा गया. उसे थर्ड डिग्री दी गई. मां-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां लगातार दी जा रही थीं. वह फूट-फूट कर रोते रहे लेकिन पुलिसकर्मियों पर जैसे खून सवार हो चुका था.”
उन्होंने बताया, “17 मार्च को मामले में पहली सुनवाई हुई थी. उस समय मैं कोर्ट में ही मौजूद था. सुनवाई के दौरान मेजिस्ट्रेट के सामने गौरव ने कहा था कि पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की और उसे अपमानित करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों से उसकी पिटाई करवाई.”
इस मामले में एडिटर्स गिल्ड ने भी बयान जारी किया है. गिल्ड ने कहा, “आगरा के पत्रकार गौरव की गिरफ्तारी से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया दुखी है. उनके वकील ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें थर्ड डिग्री टॉर्चर और अपमानित किया गया. गिल्ड तत्काल रिहाई और एक स्वतंत्र अदालत की निगरानी में जांच की मांग करता है.”