कई लोगों ने सबरीना सिद्दीकी के सवाल के पीछे एक खास उद्देश्य होने का आरोप लगाया और उनकी मुस्लिम पहचान होने पर हमला किया.
पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अभिव्यक्ति की आजादी और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में पूछने पर वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्टर को ऑनलाइन ट्रोल किए जाने के बाद, व्हाइट हाउस ने उनके उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता का कहना है कि ये लोकतंत्र के विपरीत है और स्वीकार करने योग्य नहीं है.
एशियाई मूल की अमेरिकी पत्रकार सबरीना सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री से प्रेस वार्ता के दौरान सवाल किया था कि उनकी सरकार भारत में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठा रही है.
इसके बाद सिद्दीकी को ट्रोल किया गया, वहीं कई लोगों ने उनके सवाल के पीछे एक मकसद होने और उनकी मुस्लिम पहचान को लेकर हमला किया. सिद्दीकी ने पिछले हफ्ते एक ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी थी.
सिद्दीकी के सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा था कि 'लोकतंत्र हमारे डीएनए में है, लोकतंत्र हमारी आत्मा है' और यह 'हमारी रगों में बहता है.
उन्होंने कहा था कि भारत में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है; जाति, पंथ, उम्र या किसी भी प्रकार की भौगोलिक स्थिति के आधार पर कोई भेद भाव नहीं होता है. इसके बारे में यहां पढ़ें.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मोदी के साथ उनकी बातचीत में मानवाधिकार का मुद्दा उठाया गया था, वहीं यह भी दोहराया था कि लोकतंत्र दोनों देशों के डीएनए का हिस्सा है.
व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस होने को एक बड़ी बात कहा था और सीएनएन ने बताया था कि भारतीय पक्ष शुरू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में अनिच्छुक था और एक संयुक्त बयान के बारे में जोर डाल रहा था.
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