दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
लंबे समय के बाद एक नए अंदाज में धृतराष्ट्र संजय संवाद की वापसी हो रही है. लगे हाथ इस वीडियो को लाइक और शेयर जरूर करें. एक बात ध्यान रखें, कोई भी चीज मुफ्त में नहीं मिलती, पत्रकारिता भी नहीं. इसलिए अच्छी पत्रकारिता के लिए खर्च कीजिए. न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब कीजिए.
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश से माफियाराज समाप्त हो गया. 2019 से गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद, योगी जी के उत्तर प्रदेश में माफियाराज चला रहा था. उसकी हत्या प्रयागराज में कर दी गई. हमारे देश के नफीस, तरक्कीपसंद, इंसाफपसंद, संविधान समर्पित मीडिया ने हमें बताया कि इस हत्या के जरिए माफियाराज खत्म हो गया.
इस वारदात ने देश के नंबर वन चैनल आज तक की गोल्ड स्टैंडर्ड पत्रकारिता को भी एक नई उंचाई पर पहुंचा दिया. दिल दहला देने वाली, रीढ़ में सनसनी पैदा कर देने वाली अतीक अहमद की हत्या का वीडियो आज तक ने जस का तस लूप में चलाया. दो चार मिनट नहीं बल्कि दो घंटे तक.
इसके साथ ही टिप्पणी में इस हफ्ते बात जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की. वरिष्ठ पत्रकार करण थापर को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए. इतने गंभीर आरोपों के बावजूद न तो सरकार ने इस पर कोई सफाई दी, न ही मीडिया में कोई खास चर्चा हुई.
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