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एनएल चर्चा 271: डाटा लीक की सुरसामुखी चुनौती और जैक डोर्सी के भारत पर आरोप

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

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इस हफ्ते चर्चा में बातचीत के मुख्य विषय कोविन डाटा लीक, बिपरजॉय चक्रवात, ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी का बयान, भारत के करीब साढ़े छः हज़ार से ज्यादा धनाढ्य लोगों के देश छोड़ने का अनुमान, मणिपुर में जारी हिंसा, भोपाल के सतपुड़ा भवन में लगी आग, तमिलनाडु में ईडी की कार्रवाई, कर्नाटका हाईकोर्ट द्वारा डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच पर रोक,  बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे आरोपों पर दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट का दाखिल किया जाना आदि रहे.  

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन के फाउंडर अपार गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकार आनंद वर्धन और विकास जांगड़ा शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

कोविन डाटा लीक के मुद्दे पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल सवाल करते हैं, “जो जानकारियां लीक हुई हैं, वह प्राइवेसी के लिए चिंता की बात है या नहीं?”

इस सवाल के जवाब में अपार कहते हैं, “कोरोना काल में को-विन एप को लॉन्च किया गया था. कोरोना के टीकाकरण के लिए इसे सरकार द्वारा अनिवार्य कर दिया गया था. इसी एप के जरिए ही वैक्सीन के लिए बुकिंग होती थी. कोविन के बिना आपको वैक्सीन नहीं लग सकती थी और कोविन के लिए अपनी जानकारी देना अनिवार्य था. इस तरह लोगों को अपना डाटा देना पड़ रहा था.  इस वजह से सरकार की ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह डाटा सुरक्षित रखे. लेकिन ये तो लीक हो चुका है”

अपार आगे कहते हैं, “अब एक सवाल यह भी उठता है कि पहले जो डाटा लीक हुए हैं, उनमें सरकार ने क्या किया? क्योंकि भारत में लगातार अलग-अलग सरकारी विभागों का डाटा लीक हो रहा है. वहीं, सरकार का नारा है- ‘डिजिटल इंडिया’, जिसकी वजह से हर चीज ऑनलाइन होती रही है. यही वजह है कि भारत में साइबर क्राइम भी बहुत बढ़ा है.”

इसी विषय पर हृदयेश कहते हैं, “जब आधार से निजता में सेंध लगने का मुद्दा उठा था तब भी सरकार ने कहा था कि चिंता करने की ज़रुरत नहीं है. जॉइंट सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी ज़िम्मेदार होगा लेकिन वह कैसे ज़िम्मेदार होगा?, ये नहीं बताया गया. डाटा लीक का यह मामला शुरू होते-होते आज बहुत बड़े लेवल पर पहुंच गया है और जिस तरह से टेक्नोलॉजी एडवांस हो रही है, इससे बचा नहीं जा सकता है. इसलिए ऐसे लीक को लेकर कानून और नीति बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए.”

इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए सुनिए पूरी चर्चा। इसके अलावा ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के आरोपों और बिपरजॉय चक्रवात को लेकर भी बातचीत हुई.

टाइम कोड्स:

00:00:00 - 00:23:35 - इंट्रो व हैडलाइंस 

00:23:45 - 01:03:02 - कोविन डाटा लीक 

01:03:05 - 01:14:10 - जैक डोर्सी के आरोप  

01:14:18 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए-

अपार गुप्ता 

कारवां पर एस्से : द बंगलोर आइडियोलॉजी 

अरुण मोहन सुकुमार की किताब : द मिडनाइट मशीन्स 

हृदयेश जोशी 

शोशना जोबोफ की किताब : ऐज ऑफ़ सर्विलान्स कैपिटल 

आनंद वर्धन 

द इकोनॉमिस्ट का लेख : हाउ इण्डिया इज़ यूज़िंग डिजिटल टेक्नोलॉजी टू  प्रोजेक्ट पावर 

टाइम्स ऑफ़ इण्डिया का लेख : द ग्रेट इण्डिया स्टैक स्टोरी 

अतुल चौरसिया

न्यूज़लॉन्ड्री पर अनमोल प्रितम की रिपोर्ट : पुरोला उत्तराखंड कांड: जुबान और दुकान, सब जगह ताला

इंडियन एक्सप्रेस पर अपार गुप्ता का लेख

विकास जांगड़ा 

द गार्जियन की डॉक्यूमेंट्री:  द पॉवर ऑफ़ प्राइवेसी

नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री : द सोशल डिलेमा 

ट्रांस्क्राइबः तस्नीम फातिमा 

प्रोड्यूसरः चंचल गुप्ता 

एडिटर: उमराव सिंह 

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