पुलिस द्वारा जबरन खत्म कराए इस धरना प्रदर्शन के बाद अब पहलवान आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं. पहलवानों का कहना है कि धरना खत्म करवाया गया है लेकिन उनकी लड़ाई जारी रहेगी.
28 मई को दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को हिरासत में लेने के बाद जंतर-मंतर से उनका धरना-प्रदर्शन भी समाप्त कर दिया. इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे. जब नया संसद भवन देश को समर्पित हो रहा था ठीक उसी वक्त पहलवानों पर दिल्ली पुलिस का डंडा बरस रहा था.
मालूम हो कि पहलवानों ने 28 मई को ही नए संसद भवन के सामने "महिला पंचायत" का आह्वान किया था. पहलवान जंतर-मंतर से संसद की तरफ बढ़ रहे थे कि दिल्ली पुलिस ने भारी सुरक्षाबल के साथ पहलवानों को हिरासत में ले लिया.
पहलवानों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने उनके साथ बर्बरता की. दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ दंगा करने, गैरकानूनी जमावड़ा करने और ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के काम में बाधा डालने सहित आईपीसी की 6 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है.
वहीं, पहलवानों ने मंगलवार दोपहर को ऐलान किया है कि वे अब हरिद्वार जाकर गंगा नदी में अपने मेडल प्रवाहित करेंगे. साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया समेत कई पहलवानों ने अपनी आगामी योजना बताते हुए कई पन्नों का एक खत ट्वीट किया. जिसमें लिखा है कि पहलवान पहले हरिद्वार जाकर अपने मेडल प्रवाहित करेंगे और फिर दिल्ली में इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे.
इस रिपोर्ट में हमने पहलवानों से 28 मई के घटनाक्रम पर बातचीत की और जानना चाहा कि अब वे सोच रहे हैं? देखिए ये रिपोर्ट.