शंकर सिंह वाघेला ने नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों, भाजपा की राजनीति, गुजरात दंगों समेत राहुल गांधी से जुड़े सवालों पर भी विस्तार से बातचीत की.
पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला के बारे में कहा जाता है कि वे गुजरात की राजनीति के पितामह हैं. हालांकि इस विचार पर सबकी सहमति नहीं है. लोगों का मानना है कि अब समय बदल चुका है और शंकर सिंह वाघेला में अब वह बात नहीं रही.
न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया के साथ हुई विशेष बातचीत में वाघेला अपने बारे में बन रहे इन मतों का जवाब देते हुए कहते हैं, “तीन चीज़ें पुरानी अच्छी मानी जाती हैं - पुरानी शराब, पुराना डॉक्टर और पुराना राजनेता. आज की पीढ़ी जनता के लिए नहीं बल्कि अपने लिए राजनीति चुनती है. वैचारिक मूल्यों और मतों के लिए बेहद कम लोग राजनीति में आते हैं.”
बता दें कि शंकर सिंह वाघेला, नरेंद्र मोदी से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे. जनसंघ से जुड़ने के बाद से लेकर 1995 तक वे भारतीय जनता पार्टी में रहे.
गुजरात के चुनावों में वे अब भारतीय जनता पार्टी के सामने खड़े हैं. बढ़ती उम्र के बावजूद राजनीतिक रूप से सक्रिय शंकर सिंह वाघेला बताते हैं, “यदि गोधरा में दंगे न होते, डब्बे को जलाया न गया होता, मुसलमानों को राक्षसों की तरह मारा नहीं गया होता और राजधर्म उस समय निभाया गया होता, तो बीजेपी के सत्ता में आने का सवाल ही नहीं था.”
इसके अलावा शंकर सिंह वाघेला ने नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों, भाजपा की राजनीति, गुजरात दंगों समेत राहुल गांधी से जुड़े सवालों पर विस्तार से बातचीत की.
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