सरकार की सफाई, हिंदुस्थान समाचार न्यूज़ एजेंसी नहीं होगी खबरों का एक मात्र सोर्स

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के मुताबिक हिंदुस्थान समाचार एजेंसी 1970 के दशक से ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन को अपनी सेवाएं दे रही है.

Article image
  • Share this article on whatsapp

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने गुरुवार को सदन में बताया कि प्रसार भारती की दैनिक समाचार फीड के लिए हिंदुस्थान समाचार "एकमात्र स्रोत" नहीं होगा बल्कि यह “कई स्रोतों" में से एक होगा. मंत्रालय की ओर से ये जवाब सीपीआईएम के सांसद जॉन ब्रिटा के सवाल पर राज्यसभा में दिया गया.

मंत्रालय ने कहा कि हिंदुस्थान समाचार, प्रसार भारती के गठन से पहले ही 1970 के दशक से ही ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा था.

प्रसार भारती ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार सामग्री की आपूर्ति के लिए हिंदुस्थान समाचार के साथ दो साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे पहले प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ये सेवाएं मुहैया करवाता था. हिंदुस्थान समाचार की स्थापना 1948 में एक आरएसएस प्रचारक द्वारा की गई थी और इसे संघ की विचारधारा पर आधारित संस्था के रूप में देखा जाता है.

गुरुवार को राज्यसभा में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि प्रसार भारती ने हिंदुस्थान समाचार के साथ नवीनतम समझौते पर 14 फरवरी, 2023 को हस्ताक्षर किए हैं. प्रसार भारती ने ये समझौता समाचार बुलेटिनों और टीवी, रेडियो, डिजिटल और प्रसार के अन्य तरीकों से प्रसारित कार्यक्रमों में समाचार फीड के उपयोग के लिए किया है. यह समझौता 31 मार्च, 2025 तक वैध है.

जब सांसद ब्रिटा ने पूछा कि प्रसार भारती ने पीटीआई और यूएनआई के साथ अपना समझौता क्यों रद्द किया, तो मंत्रालय ने कहा कि उन सेवाओं का लाभ "वर्ष 2006 से एड-हॉक व्यवस्था के आधार पर" लिया जा रहा था. प्रसार भारती के बोर्ड ने अक्टूबर 2020 में पीटीआई और यूएनआई को सूचित कर दिया था कि उसने अब एड-हॉक व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है.

इसी तरह का सवाल गुरुवार को राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के जवाहर सरकार ने भी पूछा था. उन्होंने पूछा कि हिंदुस्थान समाचार का चयन क्यों किया गया और क्या सरकार को पता था कि वह "आरएसएस, बीजेपी और वीएचपी के साथ घनिष्ठ संबंधों के कारण पक्षपाती है.”

सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “प्रसार भारती की ओर से सूचित किया गया है कि वे कई स्त्रोतों से समाचार फीड प्राप्त करते हैं. हिंदुस्थान समाचार, प्रसार भारती के अस्तित्व में आने से पहले, 1970 के दशक से ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन को अपनी सेवाएं दे रही है. प्रसार भारती ने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हिंदुस्थान समाचार की सेवाएं लेने का फैसला किया है.”

प्रसार भारती द्वारा आरएसएस से संबंधित समाचार एजेंसी के साथ समझौते की काफी आलोचना हो रही है. इससे पहले, नेशनल एलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने एक संयुक्त बयान जारी कर इसपर गहन चिंता जताई थी. मीडिया में जारी बयान में कहा गया, “सत्ताधारी पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए यह स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता का कत्ल कर देगी और साथ ही खबरों का भगवाकरण हो जाएगा”

न्यूज़लॉन्ड्री ने 2018 में रिपोर्ट की थी कि कैसे “हिंदुस्थान समाचार”, आरएसएस और अपने सहयोगियों की मदद से, भारत की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी बनने की उम्मीद कर रहा है, इस बारे में विस्तार से यहां पढ़ें.

subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
subscription-appeal-image

Support Independent Media

The media must be free and fair, uninfluenced by corporate or state interests. That's why you, the public, need to pay to keep news free.

Contribute
Also see
article imageतूफ़ान से निकाल कर लाया है आरएसएस हिंदुस्थान समाचार की क़श्ती
article imageउत्तर प्रदेश: मंत्री से पूछा सवाल तो दर्ज हुई एफआईआर
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like