उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाबो देवी से संभल के एक पत्रकार ने कुछ सवाल किए, जवाब में उसे हिरासत में ले लिया गया.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक स्थानीय पत्रकार उत्तर प्रदेश की माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाबो देवी से अपने क्षेत्र के विकास को लेकर कुछ सवाल कर रहा है. सामने आई जानकारी के मुताबिक यह वीडियो संभल जिले का है. दावा किया जा रहा है कि मंत्री से सवाल पूछने के बाद पत्रकार संजय राणा के खिलाफ संभल जिले के चंदौसी थाने में मामला दर्ज कराया गया और पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
क्या वाकई मंत्री से सवाल पूछने के चलते पत्रकार को हिरासत में लिया गया? चंदौसी थाने के एसएचओ सतेंद्र पवार कहते हैं, “पत्रकार संजय राणा के खिलाफ एफआईआर मंत्रीजी ने नहीं बल्कि शुभम राघव ने दर्ज करवाई है जो कि चंदौसी के विकास नगर के निवासी हैं.”
एसएचओ कहते हैं कि गांव बुद्धनगर खंडवा में मंत्रीजी का प्रोग्राम चल रहा था, इस दौरान पत्रकार ने शुभम राघव नाम के एक शख्स से झगड़ा कर लिया था, और उसे जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद शुभम ने एफआईआर दर्ज कराई. पत्रकार राणा पर आईपीसी की धारा 323, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. संजय राणा मुरादाबाद उजाला नाम के एक यूट्यूब चैनल में पत्रकार हैं.
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Contributeशिकायतकर्ता शुभम राघव से भी हमने बात की. शुभम भारतीय जनता युवा मोर्चा के संभल जिला के महामंत्री हैं. वह भी मंत्री गुलाबो देवी के इस कार्यक्रम में मौजूद थे.
वह कहते हैं, “पत्रकार संजय राणा फर्जी पत्रकार हैं. वह मंत्रीजी के कार्यक्रम में बेवजह टोकाटांकी कर रहे थे. एक पार्टी की तरह सवाल कर रहे थे. इस दौरान मैंने उन्हें कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माने. इसके बाद उन्होंने मुझसे बदतमीजी और मारपीट की, साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी. मैंने चंदौसी थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई. इस मामले में आगे क्या कार्रवाई हुई है मुझे जानकारी नहीं है.”
वायरल वीडियो में क्या है
वायरल वीडियो में पत्रकार संजय राणा मंत्री गुलाबो देवी से सवाल कर रहे हैं कि यहां एक भी बारातघर नहीं है, न ही यहां कोई सरकारी शौचालय है, गांव की रोड भी पक्की नहीं हुई है, देवी मां के मंदिर की बाउंड्री भी नहीं हुई है, जबकि आपने यह सभी कार्य करने का वादा किया था. इस पर आपका क्या कहना है?
वीडियो में मंत्री गुलाबो देवी गुस्से में नजर आ रही हैं. वह जवाब में कहती हैं, “तेरी निगाह मैं बहुत देर से पहचान रही थी. जब तू वहां खड़ा था तब भी मैं तेरी निगाह पहचान रही थी. ये तेरी सारी बात ठीक हैं लेकिन अभी समय नहीं निकला है.”
हमने मंत्री गुलाबो देवी से भी बात की. उन्होंने कहा, “वह मेरा कार्यकर्ता था और अपने गांव की समस्या बता रहा था. उसका गांव वालों से कुछ झगड़ा हुआ होगा.”
“मैं 40 साल से राजनीति कर रही हूं. मैंने उस लड़के के गांव में बहुत काम कराया है. कुछ रह गया था स्कूल का बाउंड्री वगैरह. तो वो उसी के लिए कह रहा था कि बुआजी हमारा वह काम भी करा दीजिए. तो मैंने उससे कह भी दिया है कि तेरा जो काम रह गया है सब करा दूंगी,” वह कहती हैं.
लगे हाथ गुलाबो देवी कहती हैं कि उनका इस एफआईआर से कोई लेना देना नहीं है.
बता दें कि 11 मार्च को ग्राम बुद्धनगर खंडवा में चैक डैम शिलान्यास का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इसी कार्यक्रम में मंत्री गुलाबो देवी शिरकत करने पहुंचीं थीं. एक सभा के दौरान ही पत्रकार राणा ने मंत्री से कुछ तीखे सवाल किए थे.
हमने इस बारे में पत्रकार संजय राणा से भी बात करने की कोशिश की. हालांकि उनका नंबर बंद था, उनके पिता ने बताया कि हम संजय की जमानत करने में लगे हैं.
उनके पिता रघुनाथ सिंह कहते हैं, “इस मामले में हमारा कोई लेना देना नहीं है. मेरे बेटे ने सिर्फ मंत्री के कार्यक्रम में उनसे कुछ सवाल किए थे इसके बाद किसी बाहरी आदमी ने मेरे बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. न ही मंत्री से हमारा कोई झगड़ा है और न ही मंत्री ने एफआईआर दर्ज कराई है.”
मुरादाबाद उजाला के एक पत्रकार अंकुश सिंह हमें बताते हैं कि नेताओं से कोई भी सवाल पूछना अब मुश्किल हो गया है. संजय ने मंत्री से सवाल पूछ लिया तो उसके खिलाफ साजिश के तहत भाजपा के एक नेता के जरिए एफआईआर दर्ज करा दी गई. अभी हम उनकी जमानत में लगे हैं. उसके बाद इस पूरे मामले की जांच कराएंगे. और इस मामले को लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक लेकर जाएंगे.
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