हरियाणा सरकार ने नूह जिले में 26, 27 और 28 फरवरी के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी, तो वहीं पुलिस ने 500 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
नासिर और जुनैद हत्याकांड के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने, मुआवजे और स्थाई नौकरी की मांग को लेकर मेवात में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. एक तरफ राजस्थान में नासिर और जुनैद के परिजन और ग्रामीण 17 फरवरी से घाटमिका गांव में धरने पर बैठे हैं, वहीं दूसरी तरफ 24 फरवरी को जुमे की नमाज के बाद हरियाणा में नूह जिले के फिरोजपुर झिरका में करीब एक हजार लोग प्रदर्शन के लिए जुटे और गुरुग्राम-अलवर हाईवे जाम कर दिया.
इसके बाद हरियाणा सरकार ने नूह जिले में 26, 27 और 28 फरवरी के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी और पुलिस ने 500 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
धरने पर बैठे नासिर के चचेरे भाई जाबिर ने बताया कि उनकी तीन प्रमुख मांगे हैं. पहली, सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई की जाए. दूसरी, फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए क्योंकि अपहरण के बाद कथित गौरक्षक, नासिर और जुनैद को गंभीर हालत में इसी थाने पर लेकर गये थे, लेकिन पुलिस ने न तो गौरक्षकों को गिरफ्तार किया और न ही नासिर और जुनैद को अस्पताल लेकर गए. तीसरा, पीड़ित परिवारों को 51 लाख मुआवजा और स्थाई नौकरी दी जाए.
वहीं घाटमिका गांव में चल रहे धरने को लेकर राजस्थान के पहाड़ी उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा नासिर के चचेरे भाई जाबिर सहित धरने पर बैठे 10 लोगों को शांति भंग करने के आरोप में कारण बताओं नोटिस दिया गया है.
नूह जिले के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने बताया कि इस हत्याकांड के बाद लोगों के बीच पुलिस विरोधी सेंटीमेंट विकसित हो गया है. 24 फरवरी को प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया के जरिए लोगों से इकट्ठा होने की अपील की जा रही थी, जिससे कानून व्यवस्था भंग होने का खतरा था. इसलिए इंटरनेट बंद किया गया. उन्होंने यह भी बताया कि पुलिस और 152 गावों में पीस कमेटी के जरिए शांति और सद्भाव बनाए रखने की कोशिश की जा रही है.