दिल्ली के रामलीला मैदान में आरएसएस के किसान घटक भारतीय किसान संघ ने किसान गर्जना रैली का आयोजन किया.
19 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में आरएसएस के किसान घटक भारतीय किसान संघ ने किसान गर्जना रैली का आयोजन किया. किसानों की मांग है कि सरकार सभी कृषि उपजों पर लाभकारी मूल्य दे. कृषि संयत्रों, खाद, बीज व उर्वरकों को जीएसटी से मुक्त किया जाए, साथ ही किसान सम्मान निधि की राशी को बढ़ाया जाए.
रैली में देश के अलग-अलग राज्यों से लगभग 30 से 35 हजार किसान शामिल हुए थे. बिहार से आए श्याम किशोर शर्मा ने बताया, “केंद्र सरकार ने कहा था कि 2022 तक हम किसानों की आमदनी दुगनी कर देंगे. आमदनी तो दुगनी नहीं हुई लेकिन कृषि पर लागत बढ़ गई. हम पूरे देश के किसान सरकार की नाक दबाने रामलीला मैदान में आए हैं. ताकि सरकार होश में आ जाए."
वही मध्य प्रदेश से आए श्याम सिंह बताते हैं, "खेती में खर्चा ज्यादा हो रहा है और कीमत कम मिल रही है जिसकी वजह से किसान घाटे में जा रहे हैं. वह आत्महत्या करने को मजबूर हैं. आज किसान के लड़के मजदूरी और चौकीदारी करना चाहते हैं लेकिन खेती नहीं."
केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना का किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. इस बारे में भारतीय एग्रो इकोनामिक्स के मध्य प्रदेश प्रमुख नारायण सिंह पटेल बताते हैं, "फसल बीमा योजना में किसान के खेत को इकाई बनाने के बजाए पटवारी हल्के को इकाई बनाया गया है. जिसकी वजह से अगर किसी हल्के में किसी किसान को नुकसान होता है तो उसको बीमा का लाभ नहीं मिलता. क्योंकि बीमा का लाभ तभी मिलेगा जब पूरे पटवारी हल्के में सभी किसानों को नुकसान हुआ हो."
इसके अलावा किसानों की और भी कई समस्याएं हैं जिनको लगातार अनसुना किया जा रहा है.
पिछले महीने ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मजदूर घटक भारतीय मजदूर संघ ने निजीकरण के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया था, तो वहीं अब संघ के किसान घटक द्वारा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आरएसएस के घटक मोदी सरकार की नितियों से खुश नहीं हैं?
ऐसे कई सवालों के जवाब जानने के लिए देखिए यह वीडियो रिपोर्ट-