अदालत ने आगे कहा, “आरोपी व्यक्तियों द्वारा किसी भी प्रकार की आपराधिक साजिश नहीं रची गई. इसलिए शिकायत को खारिज किया जाता है.”
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आयकर विभाग की उस शिकायत को खारिज कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि न्यूज़लॉन्ड्री, अभिनंदन सेखरी और अन्य ने फर्जी रिपोर्ट बनाकर कंपनी का 1185.7 रुपए प्रति शेयर दिखाया. जबकि कंपनी का कुल मूल्य घाटे में था.
जस्टिस अनुराग ठाकुर ने अपने फैसले में कहा, “मूल्यांकन रिपोर्ट सही पाई गई है. मूल्यांकन रिपोर्ट में कोई अनियमितता नहीं पाई गई इसलिए कंपनी, उसके निदेशकों और मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा किसी भी अपराध को अंजाम देने का कोई सवाल ही नहीं है.”
अदालत ने आगे कहा, “आरोपी व्यक्तियों द्वारा किसी भी प्रकार की आपराधिक साजिश नहीं रची गई. इसलिए शिकायत को खारिज किया जाता है.”
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Contributeलाइव लॉ के मुताबिक, अदालत ने न्यूज़लॉन्ड्री के खिलाफ आयकर विभाग की तीन शिकायतों को खारिज कर दिया. अदालत ने तीनों मामलों में मूल्यांकन रिपोर्ट को मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुरूप पाया.
बता दें कि आयकर विभाग ने फर्जी दस्तावेज बनाकर शेयर्स के दाम ज्यादा दिखाने को लेकर न्यूज़लॉन्ड्री, न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ अभिनंदन सेखरी, न्यूज़लॉन्ड्री के डायरेक्टर प्रशांत सरीन, न्यूज़लॉन्ड्री के सीए नितिन मित्तल एंड कंपनी, सीए नितिन मित्तल, स्वतंत्र ऑडिटर चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज किया था.
विभाग का कहना था कि न्यूज़लॉन्ड्री ने साल 2019-20 में को-फाउंडर मधु त्रेहान को 22994 शेयर 1185.7 रुपए के हिसाब से जारी कर 2,72,49,499 रुपए जुटाए. इसी तरह विक्रम लाल को 1185.7 के दर से 2110 शेयर जारी कर 25,00,497 जुटाए. जबकि साल 2016-17 से लेकर 20-21 तक कंपनी घाटे में रही है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कई प्रसिद्ध इंटरनेट आधारित प्लेटफॉर्म जैसे अमेज़न इंडिया, फ्लिपकार्ट, ज़ोमैटो, बिग बाज़ार और बायजू आदि कंपनियों के साल दर साल नुकसान में रहने के बादजूद उनके शेयरों को निजी इक्किटी निवेशकों द्वारा सब्सक्राइब किया जा रहा है. इस संदर्भ में आरोपी कंपनी (न्यूज़लॉन्ड्री) ने भी लाभ कमाना शुरू कर दिया और उसके इक्विटी शेयरों का मूल्यांकन डीसीएफ नियमों के तहत ही किया गया है, जो ज़रा भी बढ़ाया हुआ व कहीं से भी फर्जी प्रतीत नहीं होता है.
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