एक और चुनावी शो: भाजपा की अंदरूनी कलह, नेतृत्वहीन कांग्रेस और पुरानी पेंशन स्कीम

हम अपने मॉर्निंग शो में रोजाना नए मेहमानों के साथ, अखबारों और चुनावी मुद्दों पर बात करते हैं.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से जुड़े न्यूज़लॉन्ड्री के पहले मॉर्निंग शो में आपका स्वागत है. इस एपिसोड में हमारे साथ हाल ही तक दैनिक भास्कर से जुड़े रहे वरिष्ठ पत्रकार अधीर रोहाल और स्वतंत्र पत्रकार अर्चना फुल शामिल हुए. एपिसोड की रिकॉर्डिंग राजधानी शिमला के माल रोड पर हुई, जहां प्रदेश के चुनावी मुद्दों, भाजपा की अंदरूनी कलह और कांग्रेस में नेतृत्व की कमी पर बातचीत हुई.

अधीर बताते हैं, ‘‘बीजेपी ने इस बार कई मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया. जिसके कारण पार्टी के अंदर अंदरूनी कलह बढ़ गई है. करीब 21 सीटों पर बीजेपी से अलग होकर नेता चुनाव लड़ रहे हैं’’.

वहीं कांग्रेस को लेकर अर्चना कहती हैं कि कांग्रेस के पास चुनावों में कोई चेहरा नहीं है. वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के पास कोई लीडरशिप नहीं बची.

हिमाचल प्रदेश में इस बार पुरानी पेंशन स्कीम(ओपीएस), अग्निवीर योजना और बेरोजगारी प्रमुख चुनावी मुद्दे हैं. हिमाचल में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है, वहीं कांग्रेस द्वारा ओपीएस दोबारा बहाल करने के वादे के बाद यह मुद्दा भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है.

देखिए पूरी बातचीत -

यह शो हमारे चुनाव कवरेज का एक हिस्सा है, जो एनएल सेना सीरीज का एक अंग है. हमारे एनएल सेना प्रोजेक्ट को अपना सहयोग दें.

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